लाइब्रेरी में रखी थी श्रीमद भगवत गीता की 3000 प्रतियां, आरोपियों ने लगा दी आग

कर्नाटक के मैसूर जिले में कट्टरवाद का चोला ओढ़े कुछ उपद्रवियों ने हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंचाने की कोशिश की है। दरअसल, यहां उपद्रवियों ने एक ऐसी लाइब्रेरी को आग के हवाले कर दिया जहां श्रीमद भगवत गीता की 3000 प्रतियां रखी थी। इस लाइब्रेरी के मालिक का नाम सैयद इसाक बताया जा रहा है। हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि इस लाइब्रेरी में आग किसने लगाई थी।

श्रीमद भगवत गीता की 3,000 से अधिक उत्कृष्ट संग्रह थी मौजूद

एक समाचार पत्र से मिली जानकारी के अनुसार, इस लाइब्रेरी में करीब 11 हजार पुस्तकें रखी हैं। इन 11 हजार पुस्तकों में भगवत गीता की लगभग 3000 प्रतियां भी शामिल थी। बीते शुक्रवार को सैयद इसाक की लाइब्रेरी में आग लग गई। जिसमें सभी पुस्तकें जलकर नष्ट हो गई।    

सैयद इसाक ने बताया कि सुबह 4 बजे लाइब्रेरी के बगल में रहने वाले एक शख्स ने मुझे बताया कि अंदर आग लगी हुई है। जब मैं लाइब्रेरी पहुँचा, जो कि कुछ ही दूरी पर है, तो मैंने उसे राख में तब्दील होते हुए देखा।

उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में भगवद गीता के 3,000 से अधिक उत्कृष्ट संग्रह थे, कुरान और बाइबिल की 1,000 प्रतियों के अलावा विभिन्न शैलियों की हजारों पुस्तकें थी, जिन्हें मैंने दान करने वालों से प्राप्त किया था। उन्होंने मामले पर पुलिस से संपर्क किया और आईपीसी की धारा 436 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

सैयद ने कहा कि मैं शिक्षा से वंचित था और मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूँ कि दूसरों को मेरी जैसी दुर्दशा का सामना न करना पड़े। मैं चाहता हूँ कि लोग कन्नड़ सीखें, पढ़ें। हम इसे फिर से बनाएँगे।

आपको बता दें कि दिहाड़ी मजदूर का काम करने वाले सैयद इसाक ने सार्वजनिक लाइब्रेरी को अमार मस्जिद के पास राजीव नगर में एक निगम पार्क के अंदर एक शेड जैसी संरचना में स्थापित किया था।

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इस लाइब्रेरी में रोजाना 100-150 से अधिक लोग आते थे। इसाक कन्नड़, अंग्रेजी, उर्दू और तमिल सहित 17 से अधिक समाचार पत्रों की खरीद करते थे। हालाँकि वह अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं करते थे, लेकिन वह लाइब्रेरी के रखरखाव और अखबारों की खरीद पर लगभग 6,000 रुपए खर्च करते थे।