देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने की दिशा में लगातार हरसम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर एकीकृत निक्षय दिवस के आयोजन के साथ ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर क्षय रोगियों के चिन्हीकरण के लिए 21 दिवसीय विशेष अभियान शुरू हुआ। इसके तहत आशा कार्यकर्ताओं द्वारा पहले से चिन्हित टीबी के लक्षण वाले संभावित मरीजों को जांच के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लाया गया।
आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टीबी से जुड़ी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से यह विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। इस श्रेणी में उन क्षेत्रों को शामिल किया गया है जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से दूर हों और जहां बीते दो साल के दौरान सबसे अधिक टीबी या कोविड के मरीज पाए गए हों।
अभियान को सफल बनाने के लिए गत 13 मई को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन- उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय और राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सूबे के सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे चुके हैं।
डॉ. भटनागर ने बताया कि इस अभियान में उन क्षय रोगियों को भी खोजा जाएगा, जिन्होंने किसी कारणवश बीच में ही इलाज छोड़ दिया है। अभियान के तहत टीबी मुक्त पंचायत के संबंध में ग्राम सभा स्तर पर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में टीबी के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी। इसके अलावा क्षय रोग से स्वस्थ हुए रोगियों को प्रशिक्षण प्रदान कर टीबी चैंपियन के रूप में उनका सहयोग लिया जा रहा है।
ज्ञात हो कि टीबी, फाइलेरिया व कालाजार के रोगियों के शीघ्र जांच व उपचार के लिए हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। इस दिन ओपीडी में आने वाले टीबी के लक्षण वाले दस फीसदी मरीजों की स्क्रीनिंग की जाती है और बलगम की जांच की जाती है ताकि टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान सुनिश्चित कर इलाज शुरू किया जा सके।
टीबी के प्रमुख लक्षण
• दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहना
• बुखार का बने रहना
• अचानक से वजन घटना
• भूख न लगना
• बलगम के साथ खून आना