लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉक्टर, वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे सेवा प्रोफेशनल्स के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। अब ये प्रोफेशनल्स अपने घर का 25 प्रतिशत हिस्सा ऑफिस के रूप में उपयोग कर सकेंगे। साथ ही नर्सरी, क्रैच और होम स्टे संचालकों को भी अपने घर में काम करने की छूट दी गई है। खास बात यह है कि इसके लिए अलग से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी, बशर्ते कि पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। इस फैसले के साथ एफ.ए.आर., बिल्डिंग ऊंचाई, ग्रुप हाउसिंग और पार्किंग के नियमों में भी बड़े बदलाव किए गए हैं।
यूपी सरकार के नए नियमों के तहत अब डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट अपने आवास का 25 प्रतिशत हिस्सा ऑफिस के रूप में उपयोग कर सकेंगे। इसी तरह, नर्सरी, क्रैच और होम स्टे संचालकों को भी यह सुविधा दी गई है। इसके लिए अतिरिक्त नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन शर्त रहेगी कि पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रदेश में 45 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर फ्लोर एरिया रेशियो (एफ.ए.आर.) की अधिकतम सीमा समाप्त कर दी गई है। इससे ऊंची इमारतें बनाने का रास्ता खुल गया है। साथ ही 100-300 वर्ग मीटर वाले प्लॉट्स के लिए एफ.ए.आर. को 2.25 से बढ़ाकर 2.5 कर दिया गया है।
ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए भूखंड क्षेत्रफल की सीमा घटा दी गई है। अब 2000 वर्ग मीटर की बजाय सिर्फ 1000 वर्ग मीटर बिल्ट-अप एरिया और 1500 वर्ग मीटर नॉन-बिल्टअप एरिया में ग्रुप हाउसिंग संभव होगी। बहु-इकाई वाले प्लॉट के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल 150 वर्ग मीटर कर दिया गया है।
बड़ी इमारतों के लिए पार्किंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पोडियम पार्किंग और मैकेनाइज्ड ट्रिपल स्टैक पार्किंग की अनुमति दी गई है। 4000 वर्गमीटर से बड़े प्लॉट पर अलग से पार्किंग ब्लॉक बनाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा अब 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर भी शॉपिंग मॉल बनाए जा सकेंगे। 9 मीटर चौड़ी सड़कों पर बिना बेड वाले मेडिकल सेंटर और 7 मीटर चौड़ी सड़कों पर होटल और उद्योग खोलने की अनुमति दी गई है।
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