आप सांसद और प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने पार्टी की टोपी पहना कर कराया शामिल, अभय बोले गुजरात मॉडल हुआ फेल, देश को विकास के लिए चाहिए दिल्ली मॉडल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी का दावा है कि प्रदेश में उसका कारवां लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पार्टी तेज़ी से किसानो और नौजवानो के बीच अपनी पैठ बना रही है| इस क्रम में आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय विराम खंड गोमती नगर लखनऊ में द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज के टॉप सेविन प्रतिभागी अभय कुमार शर्मा समेत प्रदेश के विभिन्न जनपदों के कई युवा साथियो ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने सभी को पार्टी की टोपी पहना कर पार्टी में शामिल कराया और सभी को सदस्यता का प्रमाण पत्र दिया गया। इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली के तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक दिलीप पांडेय, प्रदेश अध्य्क्ष सभाजीत सिंह समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
पार्टी की नीतियों से प्रभावित हो पार्टी की सदयस्ता लेने वाले अभय कुमार शर्मा ने साल 2017 में स्टार इंडिया पर प्रसारित ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ प्रतियोगिता, जिसमें बॉलीवुड सुपर स्टार अक्षय कुमार जज थे, टॉप 7 तक का सफर पूरा किया। प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी दौरे में डीएलडब्ल्यू हेलीपैड पर पीएम मोदी के साथ उनकी आवाज की नकल करने और मिमिक्री की एक वीडियो ज़बरदस्त वायरल हुआ था|
अभय बचपन से ही दृष्टिबाधित और प्रदेश के आदिवासी इलाके सोनभद्र के गोड़िया राबर्ट्सगंज के निवासी हैं। उन्होंने हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय दुर्गाकुंड वाराणसी से इंटर और 2017 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक कला हॉनर की उपाधि हासिल की। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान विभिन्न अंतर संकाय और विश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी रहते हुए खूब नाम कमाया है|
पार्टी में शामिल होने के बाद अभय कुमार शर्मा ने कहा कि मोदी और भाजपा सरकार ने ढेर सारे वादे किये थे,जिसको सुनकर हमने बहुत सारे सपने देखे थे लेकिन आज आहत हूं। पूरी तरह साफ हो गया है कि विकास का गुजरात मॉडल गुब्बारा था और वह फेल हो गया है। देश को विकास के लिए दिल्ली मॉडल की जरूरत है। अभय ने बताया कि बढ़ती बेरोजगारी,बढ़ती महंगाई व आपराधिक घटनाएं,विशेष रूप से महिलाओं समेत सामाजिक सुरक्षा,अपराधियों को संरक्षण देने की कोशिशें,इनसे आम आदमी त्रस्त है। कृषि प्रधान देश में गलत कृषि विधेयक और नीतियों को लागू किया जा रहा है।