केंद्र के साथ मीटिंग के लिए तैयार हुए पहलवान, अनुराग ठाकुर के घर पहुंचे बजरंग पुनिया

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के यौन उत्पीड़न के आरोपों का विरोध करने वाले पहलवानों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. अनुराग ठाकुर ने कहा बुधवार को एक ट्वीट कर कहा कि सरकार पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है. मंत्री के आमंत्रण पर अब पहलवान साक्षी मलिक का एक बयान सामने आया है.

उन्होनें ANI से टेलीफोनिक साक्षात्कार के दौरान कहा, हम सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर अपने वरिष्ठों और समर्थकों के साथ चर्चा करेंगे. जब सभी अपनी सहमति देंगे कि प्रस्ताव ठीक है, तभी हम मानेंगे. ऐसा नहीं होगा कि हम सरकार की किसी भी बात को मान लें और अपना धरना समाप्त कर दें. बैठक के लिए अभी तक कोई समय तय नहीं किया गया है.

वहीं आज सुबह ट्विटर पर अनुराग ठाकुर ने पहलवानों के आमंत्रण को लेकर एक ट्वीट किया. उन्होनें ट्वीट में लिखा, ‘सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है. मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है.’

इस बीच बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पहलवानों ने रेलवे में अपनी ड्यूटी फिर से शुरू कर दी है. पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया फिर से रेलवे के साथ काम करेंगे. मालूम हो ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण सिंह को हटाने और उनकी गिरफ्तारी को लेकर इस साल की शुरुआत से विरोध कर रहे हैं.

पिछले महीने की 28 तारीख को जंतर-मंतर और उसके आस पास के इलाकों में धारा 144 लागू होने के बावजूद, पहलवानों ने नई संसद के सामने एक मार्च और विरोध की योजना बनाई थी. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक कर हिरासत में लिया और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 149, 186, 188, 332, 353, पीडीपीपी अधिनियम की धारा 3 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके अलावा पुलिस ने पहलवानों के धरना स्थल को भी खाली करा लिया.

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यह सब होते देख पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने की योजना बनाई थी. हालांकि, बाद में उन्होनें अपना फैसला वापस ले लिया और उन्होंने किसान नेता नरेश टिकैत को अपने मेडल सौंप दिए. वहीं, टिकैत ने केंद्र सरकार को पांच दिन के अंदर विवाद को सुलझाने की चेतावनी दी, जिसके बाद ही सरकार ने एक बार फिर पहलवानों को उनके मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है.