क्यों मचा है दिल्ली शराब घोटाले पर बवाल, जिसमें गिरफ्तार किए गए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया? जानें सबकुछ

सीबीआई ने आज दिल्ली की नई एक्साइज पॉलिसी  उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर की है. सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी नंबर-1 हैं.

आप नेता और डिप्टी सीएम सिसोदिया सिसोदिया दूसरे दौर की पूछताछ के लिए सुबह करीब 11 बजकर 15 मिनट पर सीबीआई मुख्यालय पहुंचे थे. सीबीआई जांचकर्ता सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने आरोप लगाया कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अरेस्ट किया गया. ऐसे में इस बहुचर्चित मामले में मनीष सिसोदिया पर लगे आरोप क्या हैं, यह भी जानना जरूरी है.

ये मुख्य आरोप हैं डिप्टी सीएम सिसोदिया पर:-

– आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने एक्साइज पॉलिसी में बड़े बदलाव के लिए फैसले लिए और लागू करवाए. सिसोदिया ने एक्साइज पॉलिसी के तय प्रावधानों के खिलाफ जाकर नीति के नियमों में बदलाव किए ताकि ठेकेदार फार्म को ज्यादा फायदा हो.

– शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति ने कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी.

– मनीष सिसोदिया ने शराब ने सरकारी खजाने को चपत लगते हुए शराब नीति ने कुछ डीलरों का पक्ष लिया और बाद में नीति को रद्द कर दिया गया.

– यह भी आरोप कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित कई अनियमितताएं की गईं.

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-सीबीआई ने यह भी आरोप लगायाकि इन कृत्यों की गिनती पर अवैध लाभ निजी पार्टियों द्वारा अपने खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां करके संबंधित लोक सेवकों को दिया गया था.”

शराब नीति को लेकर आरोप लगे

दिल्ली सरकार के आबकारी मंत्रालय पर गलत तरीके से शराब ठेके कमीशन लेकर देने का आरोप लगाया गया था .सीबीआई ने सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ 17 अगस्त को ही एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई ने दावा किया गया था कि एक शराब कारोबारी ने सिसोदिया के करीबी को एक करोड़ रुपए दिए थे. इसके बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया से दो बार पूछताछ की गई. इस मामले के अन्य आरोपियों में तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण, उपायुक्त आनंद तिवारी, सहायक आयुक्त पंकज भटनागर समेत अन्य से भी सवाल जवाब किए थे.

आपराधिक साजिश, खातों में हेरफेर, लोक सेवक को प्रभावित करने का आरोप

प्राथमिकी में सीबीआई ने सोसोदिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश ) और 477ए (खातों में हेरफेर) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 सहित (भ्रष्ट द्वारा एक लोक सेवक को प्रभावित करने के लिए अनुचित लाभ उठाना या अवैध तरीके से या व्यक्तिगत प्रभाव के प्रयोग से) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है.

दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कुछ डीलरों का पक्ष लेने का आरोप

सीबीआई ने कहा कि यह आरोप लगाया गया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी, बाद में नीति को रद्द कर दिया गया. यह भी आरोप लगाया गया कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित कई अनियमितताएं की गईं.

सिसोदिया के साथ तत्कालीन आयुक्त समेत इन्हें भी आरोपी बनाया गया

सीबीआई ने सिसोदिया के साथ तत्कालीन आयुक्त (उत्पाद शुल्क) अरवा गोपी कृष्ण का भी नाम लिया था. आनंद तिवारी, तत्कालीन उपायुक्त (आबकारी); पंकज भटनागर, सहायक आयुक्त (आबकारी); विजय नायर, पूर्व सीईओ, ओनली मच लाउडर, एक एंटरटेनमेंट और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी; पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, अमनदीप ढल, निदेशक, ब्रिंडको सेल्स प्रा. लिमिटेड; इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू को प्राथमिकी में आरोपी बनाया है.

खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, “यह भी आरोप लगाया गया था कि इन कृत्यों की गिनती पर अवैध लाभ निजी पार्टियों द्वारा अपने खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां करके संबंधित लोक सेवकों को दिया गया था.”

चंद्रशेखर राव की बेटी के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी गिरफ्तार किया था

सीबीआई ने हाल ही में, तेलंगाना में बीआरएस एमएलसी और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट बुचिबाबू गोरांटला को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि बाबू ने दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई में प्राथमिकी में नामजद कई आरोपियों से मुलाकात की थी और दक्षिण लॉबी के प्रमुख वार्ताकारों में से एक था, जो नीति को अपने पक्ष में करना चाहता था.

 चंद्रशेखर राव की बेटी से भी पूछताछ की थी, साउथ लॉबी के खिलाफ सबूत

सीबीआई ने पिछले साल दिसंबर में मामले के सिलसिले में कविता से भी पूछताछ की थी. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, जांच के दौरान सीबीआई को सबूत मिले थे कि बाबू ने साउथ लॉबी की ओर से काम किया, जिसमें तेलंगाना एमएलसी, युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी के सांसद मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी और अरबिंदो फार्मा के पी सरत चंद्र रेड्डी शामिल थे.

अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2021 में लागू की थी नई शराब नीति

अरविंद केजरीवाल सरकार ने मई 2020 में दिल्ली सरकार विधानसभा में नई शराब नीति रखी थी, इसके बाद नवंबर 2021 से लागू किया था. दिल्ली सरकार का आबकारी विभाग का मंत्रालय उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास था और सरकार की नई आबकारी नीति लाई गई थी.

केजरीवाल सरकार ने नई शराब नीति के पीछे ये तर्क दिए थे

-दिल्ली सरकार के राजस्व को बढ़ाना

– दिल्ली में शराब माफिया और कालाबाजारी को खत्म करना.

-हर वार्ड में शराब की दुकानों का समान वितरण होगा.

– शराब खरीदने वाले लोगों की शिकायत दूर करना.

नई शराब नीति में क्या किया गया

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने कुछ अहम बदलाव में फैसला किया था कि सरकार शराब नहीं बेचेगी. दिल्ली सरकार ने राजधानी में शराब बिक्री करने का काम प्राइवेट दुकानों के माध्यम बेचना तय किया था. शराब की दुकानों के लासइसेंस आवंटन की को बनाना तय किया था.

दिल्ली सरकार के  33 विभाग में से 18 सिसोदिया के पास है

दिल्ली सरकार की वेबसाइट के मुताबिक कुल 33 विभाग हैं, जिनमें से स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), सेवा, वित्त, बिजली, गृह और शहरी विकास सहित 18 विभाग सिसोदिया के पास है. वह अन्य विभागों के प्रभारी भी हैं जो विशेष रूप से किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं. केजरीवाल के अलावा, दिल्ली सरकार में छह कैबिनेट मंत्री हैं जिनमें जेल में बंद सत्येंद्र जैन भी शामिल हैं. जैन अब भी बिना किसी विभाग के मंत्री हैं. जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था.