क्या है त्र्यंबकेश्वर मंदिर विवाद और जानें किन पांच बिंदुओं पर हो रही है जाँच-पड़ताल

महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्र्यंबकेश्वर मंदिर इन दिनों चर्चा में है। मंदिर के ट्रस्टी के मुताबिक चार मुस्लिम युवक जबरन मंदिर में दाखिल हुए और शिवलिंग पर हरी चादर चढ़ा दी। इस मामले की जांच एसआईटी के हवाले है। इस मामले में अब जमकर सियासत भी हो रही है। एआईएमआईएम के विधायक मुफ्ती इस्माइल का कहना है कि इस मामले को बीजेपी बेवजह तूल दे रही है। कर्नाटक हार से बीजेपी हताश है और सिर्फ हताशा को कम करने के लिए इस विषय को विवादित करने की कोशिश की गई।

नासिक पुलिस के सामने जांच के 5 अहम मुद्दे

चारों आरोपियों ने मेन गेट से अंदर जाने की कोशिश की या नहीं ?आरोपियों ने टाइम्स नाउ नवभारत के कैमरे पर बयान दिया कि उन्होंने प्रवेश करने की कोशिश नहीं की। जबकि मंदिर के ट्रस्टी संतोष कदम ने हमारे कैमरे पर कहा कि सिक्योरिटी गार्ड्स ने उन्हें रोकने की कोशिश की। ऐसे में सच क्या है ये पुलिस तफ्तीश कर रही है।

त्र्यंबक गांव में संदल को लेकर पुरानी परंपर क्या है?टाइम्स नाउ के इन्वेस्टिगेशन में आरोपियों ने दलील दी कि ये उनकी बरसों पुरानी परंपरा है जबकि मंदिर ट्रस्ट ने हमारे कैमरे पर कहा कि कम से कम पिछले 50 सालों में ऐसी किसी परंपरा की उन्हें कोई जानकारी नहीं।

आरोपियों की मंशा क्या थी? चार आरोपियों में से एक मतीन ने कहा कि हम सिर्फ बाहर से लोगान और धूनी दिखाना चाहते थे। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि अगर मंशा साफ थी तो उन्होंने मंदिर ट्रस्ट को इसकी पहले से जानकारी क्यों नहीं दी।

नासिक पुलिस सच जानने के लिए इस मामले में चारों आरोपियों के अलावा, मंदिर ट्रस्ट के सदस्य, मुस्लिम समाज के कुछ सदस्यों का भी बयान दर्ज कर सकती है।

इन्वेस्टिगेशन में कई सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल क्लिप्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स की भी विशेष टीम जांच कर रही है। इसके अलावा आरोपियों के मोबाइल फोन में भी साजिश के सुराग की तलाश हो सकती है।

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चार आरोपी गिरफ्त में

नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में चार मुस्लिम युवकों पर जबरन घुस कर शिवलिंग पर चादर चढ़ाने का आरोप है। इस मामले की जांच की जा रही है। आरोपियों का कहना है कि वो 100 साल पुरानी परंपरा का पालन कर रहे थे। लेकिन मंदिर के ट्रस्टी के मुताबिक धार्मिक स्थल को अपवित्र करने की कोशिश की गई है।