जागो दुर्गाशक्ति बलप्रदायनी तुम जागो

लखनऊ। भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा ‘महिला सशक्तिकरण’ पर आधारित ऑननलाइन सांगीतिक प्रस्तुतियां की गईं। गुरुवार को भरतनाट्यम की प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र रही। ‘नव शक्तिरू नव रस’ की अविरल धारा के क्रम में ‘महिला सशक्तिकरण’ की भावना को ‘मिशन शक्ति’ का स्वरूप देते हुए माँ शक्ति के विभिन्न स्वरूपों को दर्शाया गया।

भरतनाट्यम

पहली प्रस्तुति आरती नातू ने भरतनाट्यम नृत्य का प्रारम्भ शिव-शक्ति अलारिपु से किया। जो राग नाट्टई और मिश्र चापु में निबद्ध था। अगली प्रस्तुति देवी स्तुति रही जिसमें माँ राजराजेश्वरी को समर्पित रही। आदि शंकराचार्य द्वारा रचित ये रचना राग तिलंग और आदिताल में निबद्ध है।

समापन एक कीर्तनम से किया। जिसमें नटवर कृष्ण के नृत्य की झलक दिखी। द्वितीय प्रस्तुति में वाराणसी की सुश्री पूर्णिमा पाण्डे की भरतनाट्यम प्रस्तुति  ‘‘आदिशक्ति’’ नृत्य नाटिका से की। पुष्पांजलि के पश्चात भक्त देवी से उनका परिचय पूछती है। देवी उसे बताती हैं कि वह उसी के अंदर विद्यमान ऐसी शक्ति हैं जो अवसर पाकर भिन्न-भिन्न रूपों में प्रकट होती हैं। कभी-कभी शक्ति बन दुष्टों का दमन करती हैं, कभी लज्जा बन उसे कुमार्ग पर चलने से रोकती हैं और कभी संतुष्ट बन उसे थोड़े में संतुष्ट रखती हैं। महिषासुर का वध उनकी ही लीला का प्रताप है। तृतीय प्रस्तुति कोलकाता की रत्ना दत्ता (त्रिगलबंदी) ने ‘जागो दुर्गाशक्ति बलप्रदायनी तुम जागो’ के माध्यम से भरतनाट्यम, ओड़िसी और कथक नृत्य की त्रिगलबन्दी प्रस्तुत दी। इस प्रस्तुति में माँ अष्टभुजी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का सजीव चित्रण किया  गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेशव्यापी नारी सशक्तिकरण अभियान इस नव शक्ति नव रस कार्यक्रम का प्रेरणास्रोत है

 कुलपति, भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ रंजन कुमार, प्रमुख सचिव-संस्कृति एंव पर्यटन विभाग, मुकेश कुमार मेश्राम, सचिव-संस्कृति एवं पर्यटन विभाग, एन.जी. रवि कुमार, निदेशक-संस्कृति निदेशालय, शिशिर एवं कुलसचिव, भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ डाॅ0 लवकुश द्विवेदी के अपार सहयोग एवं निर्देशन में संस्थान के समस्त शिक्षकों द्वारा इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है।