सेक्स वर्करों को राशन न उपलब्ध कराने पर उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों सभी राज्यों को सेक्स वर्करों को राशन उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। अब राशन कार्ड और राशन मिलने में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई है।

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सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि यूपी सरकार ने आदेश को अनसुना किया। इस मामले में देरी नहीं होनी चाहिए थी। चार हफ्ते में आपने कुछ नहीं किया, कोई चार हफ्ते बिना राशन के कैसे रह सकता है। अदालत ने सरकार से पूछा कि क्या आपने जिले लेवल पर किसी से संपर्क किया। इसी मामले में महाराष्ट्र सरकार की ओर से भी हलफनामा दिया गया। महाराष्ट्र के मुताबिक 8 जिलों का डाटा मिला है जिसमें 350 सेक्स वर्कर की पहचान की गई है। इन्हें एक किलो तुअर दाल, चावल और चीनी दी गई है। अदालत ने पूछा कि क्या सिर्फ इतना ही काफी है ? नासिक में 51 महिलाओं की पहचान की गई।

राशन मुहैया कराने का आदेश

महाराष्ट्र सरकार से भी सुप्रीम कोर्ट खफा दिखी। पूछा कि क्या आप सभी को एक जैसा राशन नहीं दे रहे हैं। राज्य सरकार क्या स्कीम चला रही है? राशन की स्कीम एक समान होनी चाहिए और इतना राशन दिया जाना चाहिए कि किसी को कमी ना आए। सर्वोच्च अदालत ने एक बार फिर राज्यों से कहा है कि वो तुरंत सेक्स वर्कर्स की पहचान कर राशन पहुंचाने का काम करें, क्योंकि वो बेसहारा हैं। अब अदालत ने सभी को चार हफ्ते में पूरी रिपोर्ट देने को कहा है। कोरोना के कारण भुखमरी के कगार पर पहुंच चुकीं सेक्स वर्कर्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय रुख अपनाते हुए सभी राज्य सरकारों को सेक्स वर्कर्स को राशन मुहैया कराने का आदेश दिया है।