मोदी सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन एक बार फिर अपने उफान पर आता नजर आ रहा है। इस किसान आंदोलन को नई गति देने के लिए किसान संगठनों ने किसानों से दिल्ली कूच करने की अपील की है। इस अपील के साथ ही दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ट्रैक्टरों का आना भी शुरू हो गया है। इसी बीच शुक्रवार को यहां पर ट्रैक्टर मार्च की रिहर्सल की गई, जिसमें कई किसानों ने हिस्सा लिया। इस ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को बड़ी चेतावनी ही है।
रिहर्सल को लेकर राकेश टिकैत ने भरी हुंकार
दरअसल, भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत का कहना है कि ये रिहर्सल इसलिए हो रही है कि 26 तारीख नजदीक है, किसान 26 तारीख को कभी नहीं भूलेगा। हर महीने 26 तारीख आएगी, किसान ट्रैक्टरों की रिहर्सल करेगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर दिल्ली का रास्ता न भूल जाएं इसलिए इनकी रिहर्सल करनी पड़ती है। हमें उम्मीद है कि सरकार बात करेगी। नहीं बातचीत करेगी तो अगला कदम उठाएंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक भारत सरकार कानून वापस नहीं लेगी और MSP पर कानून नहीं बनाएगी।
आपको बता दें कि अभी बीते दिन भी राकेश टिकैत ने लाल किला हिंसा को लेकर भी मोदी सरकार को कड़ी चेतावनी दी थी। 26 जनवरी को हिंसक किसान आंदोलन की याद दिलाते हुए राकेश टिकैत ने कहा था कि चार लाख ट्रैक्टर भी यहीं है, 25 लाख किसान भी यहीं और 26 तारीख भी हर महीने आती है।
यह भी पढ़ें: ममता की कैबिनेट ने खेला बड़ा दांव, राज्यपाल को करनी पड़ेगी TMC सरकार की तारीफ
राकेश टिकैत ने ट्वीट कर लिखा कि चार लाख ट्रैक्टर भी यही हैं, दिल्ली के ढब को खड़े खड़े घे करें वे, वो 25 लाख किसान भी यही हैं और 26 तारीख भी हर महीने आती है ये सरकार याद रख लें… अपने ट्वीट्स में राकेश टिकैत ने बिल_वापसी_ही_घर_वापसी हैशटैग का इस्तेमाल किया है। इससे पहले राकेश टिकैत ने 21 जून को ट्वीट करते हुए कहा था कि देश को लुटेरों से बचाने के लिए तीन चीजें जरूरी है। सरहद पर टैंक, खेत में ट्रैक्टर, युवाओं के हाथ में ट्विटर।
गौरतलब है कि पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले साल से ही किसानों का जमावड़ा है। किसान लगातार जिद पर अड़े हैं कि जबतक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं, तबतक वो अड़े रहेंगे।