अक्सर लोगों को गले में जलन की समस्या होती है, जिसकी वजह से हिचकी आना और डकार आने जैसी दिक्कतें पैदा हो जाती है। न जानें ऐसी कितनी समस्याएं होती हैं, जिनके कारण गले में जलन शुरू हो जाती है। आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स के कारण ये समस्या पैदा होती है। लेकिन कुछ समस्याएं जैसे जुखाम, बैक्टीरियल इनफेक्शन, वायरल या खाने की नली में कैंसर आदि के कारण भी गले में जलन रहना शुरू हो जाती है। इसके चलते व्यक्ति को बोलने में दिक्कत महसूस होती है। साथ ही वे खाने और निगलने में कठिनाई महसूस करता है। आज का हमारा लेख गले में जलन की समस्या को लेकर हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि गले में जलन रहने के पीछे क्या कारण हैं? साथ ही हम जानेंगे कि इसके लक्षण, कारण और उपचार क्या हैं।
क्या है गले की जलन (what is burning throat)
बता दें की एसिडिटी, सर्दी, जुकाम, एलर्जी आदि के कारण गले के अंदर सनसनी महसूस होती है, जिसे गले में जलन कहा जाता है। इसके चलते लोगों को निगलने में कठिनाई, मुंह का स्वाद बिगड़ना, बुखार हो जाना, खांसी जुकाम आदि समस्याएं रहने लगती हैं। ऐसे में इनके लक्षणों और कारणों को समझना जरूरी है।
गले में जलन के कारण (causes of burning throat)
गले में जलन होने के पीछे निम्न कारण हो सकते हैं-
1 – अत्यधिक शराब का सेवन करना
जो लोग अधिक मात्रा में शराब पीते हैं उनमें अधिक मात्रा में एसिड बनने लगता है, जिससे पेट में बना अम्ल भोजन नली में आ जाता है और छाती में व गले में जलन पैदा कर देता है।
2 – गले का कैंसर हो जाना
कई मामलों में निगलने के दौरान दर्द और जलन महसूस होती है यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके भोजन नली कैंसर से ग्रस्त हो गई है।
3 – एसिड रिफ्लक्स
गले में जलन एसिड रिफ्लक्स के कारण भी हो सकती है। इस स्थिति में पेट में बना अम्ल भोजन नली में आ जाता है, जिसके कारण जलन पैदा हो जाती है। बता दें कि ये स्थिति तब पैदा होती है जब नली और पेट के बीच का खुलने या बंद होने वाला यंत्र ठीक से अपना काम नहीं करता है और खाना गले में जाने लगता है।
3 – इनफ्लुएंजा
फ्लू के नाम से जाने जाने वाला यह वायरल इनफेक्शन गले संबंधित समस्याओं को पैदा करता है। इनके लक्षणों में गले की जलन भी शामिल हैं।
4 – टॉन्सिल में फोड़ा बनना
बता दें कि जब गर्दन या सिर में संक्रमण हो जाता है तो गले के पीछे के हिस्से में पस जमा हो जाता है, जिसके कारण निगलने में कठिनाई महसूस होती है और गले में जलन पैदा हो जाती है।
5 – गले का सूख जाना
कभी-कभी गली में सूखापन बढ़ जाने के कारण भी जलन पैदा हो जाती है। इसके पीछे कारण पर्यावरण में नमी का ना होना है, जिससे गले की अंदरूनी परत सूखने लगती है।
6 – बीएमएस यानी बर्निंग माउथ सिंड्रोम
इस स्थिति में व्यक्ति को महसूस होता है कि उसके मुंह व गला जल रहा है। यह समस्या मुंह में या नसों में सूखापन होने के कारण पैदा होती है।
गले में जलन होने के लक्षण (symptoms of burning throat)
गले में जलन आमतौर पर खुद एक लक्षण है लेकिन इसके साथ कई और लक्षण भी नजर आ सकते हैं-
1 – आवाज खराब हो जाना
2 – गले में बलगम जमा हो जाना
3 – ठंड लगना
4 – सिर में दर्द होना
5 – मितली आना
6 – छाती में दर्द होना
7 – गले का बैठना
8 – गले में खुजली या दर्द होना
9 – बार बार डकार आना
10 – ऐसा महसूस करना कि गले में कुछ फंसा हुआ है
11- बार बार हिचकी आना और पेट का एसिड गले तक आना
12 – छाती में जलन महसूस करना
13 – गले की ग्रंथियों में सूजन आना।
गले में जलन से बचाव (prevention of burning throat)
आप निम्न तरीकों से गले में जलन की समस्या को दूर कर सकते हैं-
1 – धूम्रपान का सेवन ना करें।
2 – सोने से तकरीबन एक घंटा पहले से कुछ ना खाएं।
3 – अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं तो अपने वजन को नियंत्रित करें।
4 – भोजन को एक बार में खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा और धीरे-धीरे खाएं।
5 – खाना खाने के तकरीबन 3 घंटे तक अपने शरीर की पोजीशन को सीधा रखें।
6 – कैफीन को अपनी डाइट से निकाल दें।
7 – तनाव को कम करने के लिए अपना ध्यान कहीं और लगाएं।
8 – ज्यादा मात्रा में पानी और पेय पदार्थों का सेवन करें।
9 -अम्लीय खाद पदार्थों के सेवन से बचें। जैसे टमाटर, संतरे का रस आदि को अपनी डाइट से निकाल दें।
10 – बता दें कि धूम्रपान के साथ शराब से भी गले में जलन पैदा होती है ऐसे में इसके सेवन से बचें।
11 – अधिक मसालेदार भोजन ना खाएं।
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नोट- ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप गले में जलन की समस्या से बचाव कर सकते हैं। लेकिन अगर समस्या गंभीर है और गले में जलन दूर नहीं हो रही है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। हो सकता है कि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो।