दकियानूसी परंपराओं और कट्टरवादी सोच की भेंट चढ़ रही हैं पाकिस्‍तान की महिलाएं, जानें- कितनी खराब है स्थिति

एक तरफ जहां पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान में महिलाओं की हालत लगातार बेहद खराब होती जा रही है। पाकिस्तान के समाज की महिलाएं आज भी दकियानूसी परंपराओं में बंधी हुई है। पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया के मुताबिक यहां की कंजरवेटिव सोसायटी महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहती है। इतना ही नहीं पाकिस्तान का समाज इस दिन पर होने वाले सेलिब्रेशंस को इस्लामिक परंपराओं के खिलाफ ही मानता है और इसकी निंदा भी करता है। आपको बता दें कि 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है।

वर्ष 2021 में आई ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान दुनिया के 156 देशों की सूची में 153वें स्थान पर था। वहीं दक्षिण एशिया के आठ देशों में पाकिस्तान सातवें नंबर पर शामिल था। वर्ष 2020 के मुकाबले पाकिस्तान में 2021 में महिला और पुरूषों के बीच का अंतर करीब 0.7 फीसद तक बढ़ गया था। इसका सीधा सा अर्थ ये है कि पाकिस्तान में महिलाओं की हालत कितनी खराब है। अगस्त 2018 में पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार बनने के बाद से देश में महिलाओं की स्थिति सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। वर्ष 2017 में पाकिस्तान ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट की लिस्ट में 143वें नंबर था। वहीं वर्ष 2018 में वो गिरकर 148 नंबर पर पहुंच गया था।

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रिपोर्ट की मानें तो इस रफ्तार से पाकिस्तान को इस जैंडर गैप को भरने में करीब 136 वर्ष को समय चाहिए होगा। इसको पाने के लिए भी लगातार काम करते रहने की जरूरत होगी। रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि बीते चार वर्षों में पाकिस्तान ने इस संबंध में कितना काम किया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में राजनीति, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं को मिलने वाले अवसर सभी बेहद कम हुए हैं। इतना ही नहीं देश की अर्थव्यवस्था में भी यहां की महिलाओं का योगदान बेहद का रहा है। ये रिपोर्ट ये भी बताती है कि पाकिस्तान में महिलाओं को पुरूषों के बराबर अधिकार भी हासिल नहीं हैं। उन्हें न्याय और कानून, जमीन और दूसरे वित्तीय मामलों में स्वामित्वका अधिकार भी हासिल नहीं है।