कश्मीर में मौत का तांडव करने वाला एलईटी का खूंखार आतंकी ढेर, गंदेरबल कांड में भी था शामिल

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी जुनैद अहमद भट को मार गिराया, जो घाटी के गगनगीर और गंदेरबल में हाल ही में नागरिकों की हत्याओं में शामिल था। दाचीगाम में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई अभी भी जारी है, जिसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना संयुक्त अभियान चला रही है।

कई आतंकी हमलों में था शामिल

कश्मीर जोन पुलिस ने एक्स पर लिखकर बताया कि चल रहे अभियान में, एक आतंकवादी मारा गया और उसकी पहचान जुनैद अहमद भट (एलईटी, श्रेणी ए) के रूप में हुई है। उक्त आतंकवादी गगनगीर, गंदेरबल और कई अन्य आतंकी हमलों में नागरिकों की हत्या में शामिल था। आरआर और सुरक्षा बलों के संयुक्त दलों के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दाचीगाम के ऊपरी इलाकों में अभियान जारी है।

हाल के दिनों में आतंकवादियों द्वारा किए गए कई हमलों के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान बढ़ा दिया है। इससे पहले 23 नवंबर को बारामूला पुलिस ने सुरक्षा बलों के साथ संयुक्त अभियान में बारामूला जिले के कुंजर इलाके में एक आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया था।

आतंकी ने की थी छह श्रमिकों और एक डॉक्टर की हत्या

अक्टूबर में, संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में तीन दशकों से अधिक समय से चल रही हिंसा में निर्माण कर्मचारियों पर सबसे बड़ा लक्षित हमला करते हुए छह श्रमिकों और एक डॉक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी थी, मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में एक सुरंग का निर्माण कर रही एक निजी कंपनी के शिविर पर रविवार रात करीब 8.15 बजे स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की गई।

मृतकों में मध्य कश्मीर के बडगाम के डॉ. शाहनवाज, पंजाब के गुरदासपुर के गुरमीत सिंह (30), बिहार के इंदर यादव (35), जम्मू के कठुआ के मोहन लाल (30) और जगतार सिंह (30), कश्मीर के फैयाज अहमद लोन (26) और जहूर अहमद लोन शामिल हैं।

उमर अब्दुल्ला सरकार बनने के बाद था दूसरा हमला

इस साल कश्मीर में हुए पांचवें लक्षित हमले में कई अन्य घायल हो गए और 16 अक्टूबर को सीएम उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नई गठबंधन सरकार के जम्मू-कश्मीर में सत्ता संभालने के बाद से यह दूसरा हमला है।

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यह हमला इस साल कश्मीर में हुई मौतों के मामले में भी सबसे बड़ा था, जिसने 9 जून को जम्मू क्षेत्र के रियासी जिले में एक तीर्थयात्री बस पर गोलीबारी के बाद नागरिकों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों की परेशान करने वाली प्रवृत्ति को रेखांकित किया। उस दिन सात तीर्थयात्री, ड्राइवर और कंडक्टर की मौत हो गई, जबकि 41 अन्य घायल हो गए।