मीडिया कंपनियों के खिलाफ की गई शिकायतों के निपटारे के लिए दायर की गई याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। इस याचिका में ऐसे मामलों के निपटारे के लिए स्वतंत्र न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) के गठन की मांग की गई। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पर केंद्र सरकार और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में की गई मांग
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तर्क दिया गया है कि सेल्फ रेगुलेशन से मामले का कोई हल नहीं होता है और इसलिए, एक स्वतंत्र ट्राइब्यूनल की जरूरत है।
मामले में एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने नोटिस जारी कर दिया। नीलेश नवलखा और नितिन मेमन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि सरकार प्रोग्राम कोड के उल्लंघन से निपटने में सक्षम नहीं है और इस तरह के उल्लंघन की जांच करने का अधिकार एक स्वतंत्र संस्था को दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह इस मामले में उचित दिशानिर्देश जारी करे, जिससे कि मीडिया हाउस या ब्रॉडकास्टर या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग कर सके।
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सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि याचिका एक स्वतंत्र, नियामक ट्रिब्यूनल/न्यायिक-निकाय की स्थापना की मांग करती है, जिससे कि दर्शकों/नागरिकों द्वारा दायर मीडिया-व्यवसायों के खिलाफ शिकायत याचिकाओं पर तेजी से सुनवाई हो सके।