फलों का राजा ‘आम’ एक बार फिर राजनीतिक रूप से चर्चा में है। राजनीति में आम एक ऐसा प्रतीक बनकर सामने आ रहा है जो दो विरोधियों के बीच की कड़वाहट को दूर करता है। यही कारण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ‘आम’ का तोहफा भेजा है। शेख हसीना ने दोनों नेताओं को 2600 किलो आम भेजे हैं।
ये आम बांग्लादेश बेनापोल चेकपॉइंट से होते भारत में लाए गए हैं। शेख हसीना की ओर से भेजे गए हरिभंगा किस्म के आम रंपुर क्षेत्र में पैदा होते हैं। रविवार को बांग्लादेश से ट्रक 260 आम के डिब्बे लेकर भारत में दाखिल हुए। बेनापोल कस्टम्स हाउस के डेप्युटी कमिश्नर अनुपम चकना ने बांग्लादेश की मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये आम दोनों देश के बीच सौहार्द का प्रतीक हैं। आम के सीमापार करते वक्त बांग्लादेश के कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
भारतीय राज्यों को आम भेजना चाहती हैं शेख हसीना
भारत की से ये आम कोलकाता में बांग्लादेश के डेप्युटी हाई कमीशन के फर्स्ट सेक्रटरी मोहम्मद समिअल कादर ने स्वीकार किए, जहां से ये पीएम मोदी और सीएम ममता बनर्जी के लिए भेजे गए। बांग्लादेश की मीडिया ने जानकारी दी कि शेख हसीना बांग्लादेश की सीमा से लगे सभी भारतीय राज्यों असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा को आम भेजना चाहती हैं। बता दें कि हरिभंगा आम रंगपुर की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बदल चुका है, जिससे 30 हजार लोग जुड़े हुए हैं।
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जुलाई के आखिर तक आसमान छूते हैं आम के दाम
इस आम की कटाई जून के आखिर में शुरू होती है। शुरुआत में इसकी कीमत कम रहती है लेकिन सीजन खत्म होने तक ये कई गुना बढ़ जाती है। शुरुआत में ये 60-80 टके प्रति किलो तक बिकता है लेकिन जुलाई के आखिर तक इसके दाम 300-500 टके प्रति किलो हो जाता है। हर साल इन आमों का व्यवसाय कई सौ करोड़ टके तक पहुंच जाता है। पिछले साल और इस बार कोरोना महामारी का असर आमों के व्यापार पर भी पड़ा है।