ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों में मंगल ग्रह को सेनापति का दर्जा प्राप्त है। मंगल का स्वभाव उग्र बताया गया है। जन्म कुंडली में मंगल यदि शुभ होता है तो ऐसा व्यक्ति साहसी और बहादुर होता है। किसी भी कार्य को करने से भयभीत नहीं होता है और हमेशा सतर्क रहता है। मंगल प्रधान व्यक्ति पुलिस, सेना और साहसी कार्यों में रूचि रखते हैं।
मंगल जब अशुभ होता है तो इससे मंगल दोष का निर्माण होता है। मंगल दोष को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना गया है। इस दोष के कारण कभी कभी व्यक्ति को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है। मंगल का उपाय करने से इस दोष को कम किया जा सकता है।
आषाढ़ मास में पूजा पाठ का विशेष महत्व बताया गया है। आषाढ़ मास के मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा विधि पूर्वक करने से मंगल के दोष को दूर किया जा सकता है।
दांपत्य जीवन में आती हैं बाधाएं
मंगल दोष दांपत्य जीवन को प्रभावित करता है। मंगल के अशुभ होने पर कभी कभी तलाक जैसी स्थिति का भी सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही पति और पत्नी के रिश्तों में सदैव तनाव और कलह की स्थिति भी बनी रहती है।
मंगल दोष कैसे बनता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव, लग्न भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव या द्वादश भाव में मंगल ग्रह का प्रवेश या दृष्टि पड़ती है तो मंगल दोष का निर्माण होता है।
यह भी पढ़ें: वास्तु टिप्स: सूर्यास्त के बाद न करें इन चीजों का दान, हो सकते हैं कंगाल
मंगल दोष के उपाय
मंगल के दोष को दूर करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। नियमों का पालन करना चाहिए और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।