2024 चुनाव को लेकर विपक्ष लगातार अपनी रणनीति बनाने में जुटा हुआ है। हर तरफ से विपक्षी एकता की बात हो रही है। ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, शरद पवार जैसे नेता लगातार विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इन सब के बीच देश के वरिष्ठ नेताओं में से एक शरद पवार फिर से एनसीपी के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एनसीपी ने अपना आठवां राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया है। इस अवसर पर पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके अलावा पार्टी की बैठक में विपक्षी एकता पर भी चर्चा हुई है। बैठक के बाद एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव प्रफुल्ल पटेल ने साफ तौर पर कहा कि शरद पवार प्रधानमंत्री पद के इच्छुक नहीं है और ना ही वह इस रेस में शामिल है।
आपको बता दें कि विपक्षी एकजुटता में शामिल नेताओं से यह सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि 2024 चुनाव में उनका प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा। मीडिया से बातचीत में प्रफुल्ल पटेल ने साफ तौर पर कहा कि शरद पवार पीएम पद के लिए इच्छुक नहीं हैं, उन्होंने अतीत में ऐसा नहीं किया, वे वर्तमान में इसके बारे में नहीं सोच रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राकांपा को राष्ट्रीय पहचान मिली है और वह आम चुनाव में भूमिका निभाएगा। एनसीपी नेता ने यह भी कहा है कि कांग्रेस से उनको कोई दिक्कत नहीं है। पहले भी एनसीपी यूपीए के साथ मिलकर काम कर चुकी है। दरअसल, कई विपक्षी दल इस बात का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं कि कांग्रेस के बगैर कोई गठबंधन बनाई जाए। हालांकि, शरद पवार फिलहाल इस मुद्दे को लेकर खामोश है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि के चंद्रशेखर राव, एमके स्टालिन, ममता बनर्जी, सीताराम येचुरी, नीतीश कुमार जैसे नेता शरद पवार से मिलने आते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण शरद पवार का विजन है। वह सभी लोगों को एक साथ ला सकते हैं। इससे पहले दिल्ली दौरे पर पहुंचे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शरद पवार से मुलाकात की थी। विपक्षी दलों के नेताओं से शरद पवार के रिश्ते काफी मजबूत माने जाते हैं। यही कारण है कि सभी लगातार शरद पवार से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचते रहते हैं।