सऊदी अरब की यात्रा पर चल रहे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने का प्रबल दावेदार है। उन्होंने इसके पीछे की कई वजहें भी गिनवाईं। उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के अपने उद्देश्यों को पूरा करने में हमेशा अग्रसर रहा है, साथ ही वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़े लोकतंत्र, पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, परमाणु ऊर्जा, तकनीकी केंद्र और वैश्विक जुड़ाव की परंपरा के रूप में भारत के पास सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने का एक शक्तिशाली मामला है। उन्होंने एक साक्षात्कार में सऊदी गजट अखबार को बताया कि परिषद को न केवल अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, बल्कि प्रासंगिक बने रहने के लिए, विकसित वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल होना चाहिए।
एस जयशंकर ने कल प्रवासी भारतीयों को भी संबोधित किया था
बता दें कि एस जयशंकर ने कल रियाद में प्रवासी भारतीयों को भी संबोधित किया था। इस दौरान जयशंकर ने कहा था कि यूक्रेन संकट की वजह से दुनियाभर में तेल की कीमतें बढ़ी हैं और परिणामस्वरूप मुद्रा स्फीति बढ़ी है, लेकिन इन सबके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने और उच्च आय वाला देश बनाने की दिशा में शक्तिशाली प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत उन तरीकों के बारे में सोचता है जिससे वह अपनी क्रेडिट, बैंकिंग, शिक्षा और श्रम नीति को बदल सकता है।
उन्होंने कहा कि कई बड़े सुधार हुए हैं और हम उसके परिणाम दो बहुत ही दिलचस्प वाकयों से देख सकते हैं। 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए बीते वित्त वर्ष में हमने अब तक का सबसे अधिक निर्यात किया है। हमारा कुल निर्यात 670 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा। इसमें से 400 अरब अमेरिकी डॉलर के माल का व्यापार किया गया। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि एक व्यापारिक शक्ति के रूप में भारत का आइडिया आज विश्वसनीय हो गया है।
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जयशंकर की पहली सऊदी यात्रा
जयशंकर दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए शनिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे थे। विदेश मंत्री के रूप में यह सऊदी अरब की उनकी पहली यात्रा है। उन्होंने इस दौरान सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से एक लिखित संदेश सौंपा और उन्हें रविवार को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति से अवगत कराया।