नई दिल्ली। देश-दुनिया में चर्चित हुए शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़क पर बैठकर धरना-प्रदर्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है। प्रदर्शन करने वाले यहां 100 दिन तक सड़क रोककर बैठे थे। इसके खिलाफ वकील अमित साहनी और भाजपा नेता नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
शाहीन बाग में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान सड़क रोक कर बैठी भीड़ को हटाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर धरना-प्रदर्शन करना सही नहीं है। इससे लोगों के अधिकारों का हनन होता है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट से अनुरोध किया था कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचाव के लिए वह कुछ निर्देश दे। सुनवाई के दौरान भी कई बार लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन के अधिकार और लोगों के मुक्त आवागमन के अधिकार में संतुलन की बात उठी थी। जजों ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 21 सितंबर को आदेश सुरक्षित रख लिया था और आज अपना फैसला सुना दिया।
शाहीन बाग क्यों आया चर्चा में
शाहीन बाग का विरोध महिलाओं की अगुवाई में 11 दिसंबर 2019 को संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के पारित होने के खिलाफ शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों ने न केवल सीएए (सीएए)-एनआरसी पर बल्कि महिलाओं की सुरक्षा, वस्तुओं की बढ़ती लागत, बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी के कारण भी आंदोलन किया है। शाहीन बाग विरोध-प्रदर्शन में मुख्य रूप से मुस्लिम महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही थीं। शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने 15 दिसंबर 2019 से 55 दिनों (नौ फरवरी) तक अहिंसक प्रतिरोध का इस्तेमाल करते हुए नई दिल्ली में एक प्रमुख राजमार्ग को आठ फरवरी 2020 तक बंद कर दिया। इसके कारण यह सीएए-एनआरसी-एनआरपी के खिलाफ सबसे लंबे समय तक चलने वाला विरोध बना।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, शाहीन बाग इलाके से लोगों को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी। विरोध प्रदर्शनों के लिए शाहीन बाग जैसे सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा करना स्वीकार्य नहीं है।
शाहीनबाग कहां है– शाहीनबाग भारत की राजधानी दिल्ली के दक्षिण में स्थित एक आवासीय क्षेत्र है। यमुना के किनारे स्थित यह दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सडक पर स्थित है। इस क्षेत्र के आसपास में वाणिज्यिक और आधिकारिक क्षेत्रों जैसे नोयडा, नेहरू प्लेस, सरिता विहार, जसोला, ओखला आद्वोगिक क्षेत्र कालिंदी कुंज और ओखला रेलवे स्टेशन से जुड़ा है।