पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में वापसी करने वाले वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता खारिज करने को लेकर दूसरी सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई है। विधानसभा में अध्यक्ष विमान बनर्जी के केबिन में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने रॉय के तृणमूल में शामिल होने संबंधी कई साक्ष्य पेश किए।
अब सुना जाएगा मुकुल रॉय का पक्ष
इसमें तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ मुकुल रॉय की तस्वीरें, तृणमूल का दामन थाम रहे रॉय के साथ तृणमूल के अन्य नेताओं की तस्वीरें, उनका ट्विटर अकाउंट और कई अन्य साक्ष्य दिए गए हैं। करीब 28 मिनट तक सुनवाई हुई है। विधानसभा अध्यक्ष ने शुभेंदु अधिकारी द्वारा पेश किए गए सभी साक्ष्यों को स्वीकार किया।
सूत्रों ने बताया है कि इस संबंध में मुकुल रॉय से भी उनका पक्ष सुना जाएगा जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता बरकरार रखने अथवा खारिज करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। इसके पहले भी एक दौर की सुनवाई पूरी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मुकुल रॉय के तृणमूल कांग्रेस में चले जाने के बावजूद कागज कलम पर उन्हें बीजेपी का ही विधायक रखा गया है जिसकी वजह से विधानसभा में लोक लेखा समिति (पीएसी) का चेयरमैन का पद उन्हें दे दिया गया है। इस पद पर विपक्ष के नेता को बैठाने की परंपरा रही है लेकिन इस बार ममता सरकार ने इस परंपरा को तोड़ दिया है।
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इधर भारतीय जनता पार्टी ने इसका तीखा विरोध करते हुए रॉय की विधानसभा सदस्यता दल बदल कानून के तहत रद्द कराने की पहल में जुटी हुई है। बीजेपी का यह भी आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष भी तृणमूल कांग्रेस के हीं हैं इसलिए वह जानबूझकर मामले पर देर कर रहे हैं। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि स्पीकर से न्याय नहीं मिला तो मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता रद्द कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।