यूपी बीजेपी में नए युग की शुरुआत: पंकज चौधरी ने भरा पर्चा, CM योगी और डिप्टी CM मौर्य बने प्रस्तावक

यूपी बीजेपी में नए युग की शुरुआत: पंकज चौधरी ने भरा पर्चा, CM योगी और डिप्टी CM मौर्य बने प्रस्तावक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में बीते कई दिनों से चल रही अटकलों पर आखिरकार विराम लग गया है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश संगठन की कमान नए चेहरे को सौंपने का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर जो दृश्य सामने आया, उसने साफ कर दिया कि यह बदलाव केवल औपचारिक नहीं, बल्कि पूरी तरह सुनियोजित और सर्वसम्मत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य खुद पंकज चौधरी के प्रस्तावक बने।

लखनऊ स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय में नामांकन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला। संगठन चुनाव प्रभारी महेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि पंकज चौधरी ने चार सेट में नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। इस दौरान केंद्रीय पर्यवेक्षक और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े भी मौजूद रहे। नामांकन पत्रों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, दारा सिंह चौहान, एके शर्मा, केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान और असीम अरुण समेत कई दिग्गज नेताओं ने प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए। शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी ने यह संदेश दे दिया कि पार्टी नेतृत्व ने पूरी एकजुटता के साथ यह फैसला लिया है।

ओबीसी समीकरण साधने की रणनीति
पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे भाजपा की स्पष्ट राजनीतिक रणनीति मानी जा रही है। वह कुर्मी समाज से आते हैं, जो ओबीसी वर्ग का एक बड़ा और प्रभावशाली हिस्सा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह फैसला समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) समीकरण को चुनौती देने की तैयारी का हिस्सा है। एक अनुभवी ओबीसी नेता को संगठन की बागडोर सौंपकर भाजपा ने सत्ता और संगठन के बीच सामाजिक संतुलन साधने का प्रयास किया है। पंकज चौधरी का लंबा संसदीय अनुभव और उनकी बेदाग छवि पार्टी को ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने में मदद कर सकती है, जो 2027 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है।

पूर्वांचल पर फिर फोकस
पंकज चौधरी का राजनीतिक आधार पूर्वांचल है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में पूर्वांचल के एक कद्दावर नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने इस क्षेत्र में दोबारा मजबूती हासिल करने की रणनीति अपनाई है। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, चूंकि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया है, इसलिए उनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। अब 14 दिसंबर को औपचारिक घोषणा के साथ ही प्रदेश भाजपा में नए युग की शुरुआत होगी। माना जा रहा है कि यह बदलाव सीधे तौर पर 2027 विधानसभा और 2029 लोकसभा चुनाव की तैयारी से जुड़ा हुआ है।