गया जिले के सोशल मीडिया पर इन दिनों बेलागंज प्रखंड के हसनपुर गांव की तस्वीरें तैर रही हैं। आजादी के इतने दशक बाद भी इस गांव तक सड़क नहीं पहुंची है। बेला-चंदौती रोड इस गांव से महज 500 मीटर दूर से गुजरती है। यह गांव गया-पटना रेलखंड के बेला स्टेशन से 50 मीटर दूर, बेलागंज प्रखंड मुख्यालय से 1 KM और अंचल कार्यालय से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर है। मगर गांव से मुख्य सड़क तक कोई सम्पर्क पथ नहीं होने के कारण यह गांव पिछड़ेपन का शिकार है।
मामले को समझने और रोड बनाने के सवाल पर हमलोगों ने गांव वालों के साथ एक बैठक की। गांव वालों ने कहा कि प्रशासन की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की असंवेदनशीलता ने 200 घरों के हमारे गांव को पीछे धकेल दिया है। बरसात के दिनों में यह सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है, जैसा की तस्वीरों में दिख रहा है। महिलाओं, बुजुर्गों-बच्चों और बीमार लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पीढ़ियां गुजर गई, सरकारें बदलती रहीं, दर्जनों अफसर आए और गए मगर सवाल बरकरार रहा। नीतीश-भाजपा के न्याय के साथ विकास का नारा भी यहां आकर दम तोड़ देता है। स्थानीय जनप्रतिनिधि से भी लोग काफी नाराज थे। राजद के Surendra Prasad Yadav लगभग 30 साल से इस क्षेत्र के विधायक हैं। ऐसा नहीं है के लोगों ने इसके लिए पहल नहीं की। नेताओं के सामने मांग रखी गई और अफसरों को भी आवेदन दिए गए।
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बैठक के बाद यह सहमति बनी के हमलोग प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मिलकर मांगपत्र सौंपेंगे और सड़क निमार्ण के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे। इस बैठक में AISA – All India Students’ Association (आइसा) नेता Tarique Anwar , Md Sherjahan , Aamir Subhani, MD Arshad , Nazish Anwer , Aamir Sayyed , Md Saquib Shaikh Khushboo Khushboo व ग्रामीणों में मो. मोहिउद्दीन, ग्यासउद्दीन, राजेंद्र प्रसाद , बिट्टू, राजकिशोर, अमजद, शमशाद सहित दर्जनों लोग शामिल थे।