भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर उर्फ़ रावण और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बीच मंगलवार को उस वक्त झड़प हो गई जब वह योगी सरकार के क़ानून व्यवस्था के खिलाफ वह आजमगढ़ जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जा रहे थे। स्थानीय खुफिया इकाई की सूचना पर पुलिस ने जब कलेक्ट्रेट के पास लगी बैरिकेडिंग पर रावण को रोका तो पुलिस और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं में झड़प शुरू हो गई।

रावण ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को आक्रोश में देख माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट के समीप डेरा डाल दिया। इस दौरान रावण अपने तेवर में दिखे, उन्होंने कहा सत्ता का नशा उतारूंगा। हालांकि, उसके बाद वे कुछ लोगों के साथ डीएम से मिले और ज्ञापन सौंप कर वापस लौट गए। जबकि सुरक्षा कारणों से खुफिया इकाई भी अलर्ट हो गई है।
इससे पहले रावण ने रोडवेज के समीप एक होटल में मीडिया से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। लोकतांत्रिक व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गई है। आजमगढ़ में एक माह में दुष्कर्म सहित दलितों व गरीब तबके के साथ 40 घटनाएं हुईं और पुलिस प्रशासन पूरी तरह मौन रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी सरकार एनकाउंटर के नाम अपने विरोधियों को पुलिस से मरवा रही है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि तानाशाही से लोकतंत्र नहीं चलता है। मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों व कर्मचारियों को ठीक करें। किसान आंदोलन पर कहा कि कोरोना का बहाना बनाकर सरकार ने सदन का सत्र बंद कर दिया है। किसानों की तीनों बिल वापस लेने की मांग जायज हैं। जबकि केंद्र सरकार के गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल में रैलियां कर रहे हैं।
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