राहुल गांधी ने मोदी-अडानी को बताया एक, विपक्षी नेताओं ने संसद के बाहर किया प्रदर्शन

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत विपक्षी नेताओं ने गुरुवार को संसद के बाहर गौतम अडानी मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी अडानी जी की जांच नहीं करा सकते क्योंकि अगर वह ऐसा करेंगे तो वह खुद की जांच करा लेंगे. उन्होंने कहा कि मोदी और अडानी दो नहीं हैं, एक हैं।

प्रदर्शनकारी विपक्षी नेताओं ने पहनी थी विशेष जैकेट

संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे विपक्षी नेताओं ने जैकेट पहन रखी थी जिस पर लिखा था ‘मोदी अडानी एक हैं सुरक्षित हैं’ और अडानी मुद्दे की गहन जांच की मांग की। यह प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है जब विपक्ष और सदन के अध्यक्षों के बीच अडानी, मणिपुर और संभल सहित कई मुद्दों पर चर्चा को लेकर असहमति के कारण संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार व्यवधान हो रहा है।

नेताओं ने प्रधानमंत्री से सदन की कार्यवाही में शामिल होने की भी मांग की। उन्होंने संसद के बाहर विरोध मार्च भी निकाला।

संभल घटना को लेकर भी राहुल गांधी ने भाजपा पर लगाए थे आरोप

यह घटना उस घटना के एक दिन बाद हुई है जब यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार ने राहुल गांधी को संभल जाने से रोक दिया था। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि पुलिस ने हमें संभल जाने से रोक दिया। विपक्ष का नेता होने के नाते वहां जाना मेरा अधिकार और कर्तव्य है। फिर भी मुझे रोका गया।

सवाल खड़े करते हुए उन्होंने आगे लिखा कि मैं अकेले जाने को तैयार हूं, लेकिन वे इसके लिए भी राजी नहीं हुए। यह संविधान के खिलाफ है। भाजपा क्यों डरी हुई है – अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए वह पुलिस का इस्तेमाल क्यों कर रही है? वह सच्चाई और भाईचारे के संदेश को क्यों दबा रही है?

अडानी समूह को लेकर कांग्रेस लगातार कर रही मोदी सरकार की आलोचना

अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी ने अडानी समूह और सरकार की आलोचना तेज कर दी है। बंदरगाहों से लेकर ऊर्जा तक के कारोबार से जुड़े इस समूह के चेयरमैन गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर और एक अन्य प्रमुख कार्यकारी अधिकारी पर भारतीय अधिकारियों को कुल 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने की योजना में शामिल होने का आरोप है।

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कथित तौर पर रिश्वत का उद्देश्य सौर बिजली की आपूर्ति के लिए अनुबंध हासिल करना था, जिससे 20 साल की अवधि में 2 बिलियन डॉलर का लाभ होगा। अडानी समूह ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए उनका खंडन किया है।