बंगाल चुनाव से पहले बढ़ी तृणमूल नेता की मुश्किलें, सीबीआई ने कसा शिकंजा

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष की मुश्किलें विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ गई हैं। सारदा चिटफंड मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। उन्हें सीजीओ कंपलेक्स स्थित सीबीआई के दफ्तर में मंगलवार को पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा गया है। खास बात यह है कि चिटफंड मामले में कुणाल घोष करीब दो साल तक जेल में रह चुके हैं और उन्हें इस शर्त पर जमानत मिली थी कि सीबीआई जब भी  पूछताछ के लिए बुलाए,  उन्हें आना ही पड़ेगा।

सीबीआई ने सारदा घोटाले मामले की जांच की तेज

हाल ही में पश्चिम बंगाल में गैरकानूनी तरीके से कोयले का खनन और तस्करी का नया मामला सामने आया है जिसकी जांच में सीबीआई की टीम जुटी हुई है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजीरा से पूछताछ हुई थी। सांसद की पत्नी से हुई इस पूछताछ को लेकर कुणाल घोष ने सीबीआई की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया था और पूछा था कि चिटफंड मामलों की जांच को सीबीआई ने ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया है?

कुणाल घोष ने कहा था कि सीबीआई अगर अभिषेक बनर्जी के घर पहुंच सकती है तो मुकुल रॉय, शुभेंदु अधिकारी और भाजपा में शामिल हो चुके अन्य आरोपितों के घर क्यों नहीं जा रही है? उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि भाजपा के नेता सीबीआई पर दबाव बना रहे हैं कि कुणाल घोष लगातार जांच एजेंसी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं इसलिए उन पर भी दबाव बढ़ाने की जरूरत है। अब जबकि सीबीआई ने उन्हें नोटिस भेज दिया है तो सत्तारूढ़ पार्टी ने भी कुणाल के आरोपों को दोहराना शुरू कर दिया है। सीबीआई सूत्रों ने बताया है कि मंगलवार सुबह 11:00 बजे उन्हें सीजीओ कंपलेक्स में हाजिर होने को कहा गया है।

इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए जब कुणाल से संपर्क किया गया तो  उन्होंने बताया कि हां यह सच है सीबीआई ने मुझे नोटिस दिया है। 2013 से ही मैंने सभी जांच एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग किया है। अभी भी करूंगा। मंगलवार को निर्धारित समय पर सीजीओ कंपलेक्स में हाजिर हो जाऊंगा।

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खास बात यह है कि इसके पहले जब कुणाल घोष सारदा मामले में गिरफ्तार होकर जेल में  थे तब उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गिरफ्तारी की मांग की थी। अपनी गिरफ्तारी के लिये उन्होंने सीधे तौर पर ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराते हुए कई गंभीर आरोप लगाये थे।  हालांकि उसके पहले सीएम ममता ने उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाया था। बहरहाल जेल से रिहा होने के बाद कुणाल घोष ने तृणमूल कांग्रेस और ममता की प्रशंसा शुरू कर दी थी जिसके बाद उन्हें पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया था।