भारत आज 15 अगस्त के मौके पर अंग्रेजी हुकूमत से अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है। इस कारण देश में जश्न का माहौल है। पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक देश के कोने-कोने में लोग ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं और इसके तहत चलाए जा रहे ‘हर घर तिरंगा अभियान’ का हिस्सा बन रहे हैं।
आज इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किले की प्राचीर से नौवीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराकर देशवासियों को संबोधित किया।
पीएम मोदी ने तोड़ा इस साल अपना रिकॉर्ड
मालूम हो कि साल 2014 में देश के प्रधानमंत्री के पद पर आसीन होने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी लगातार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से झंडा फहराते रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दरमियान साल 2016 में 94 मिनट तक भाषण देकर देशवासियों को अपनी शुभकामनाएं दी थीं और अपनी बात रखी थीं।
लाल किले से उनकी भाषण की अवधि
2014 में 65 मिनट
2015 में 88 मिनट
2016 में 94 मिनट
2017 में 56 मिनट
2018 में 83 मिनट
2019 में 92 मिनट
2020 में 86 मिनट
2021 में 88 मिनट
2022 में 83 मिनट
पंडित नेहरू के रिकॉर्ड को पीएम मोदी ने 2015 में तोड़ा
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सन् 1947 में देश की आजादी के मौके पर 72 मिनट का भाषण दिया था। साल 2015 तक इसे ही लाल किले की प्राचीर से दिया गया सबसे लंबा संबोधन माना जाता रहा जिसे पीएम मोदी ने 2015 में 88 मिनट तक भाषण देकर तोड़ दिया।
सबसे ज्यादा बार देश को संबोधित करने वाले पीएम
सन् 1947 में भारत के आजाद होने के बाद से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सर्वाधिक बार भाषण देने वाले प्रधानमंत्रियों की सूची में प्रधानमंत्री नेहरू का स्थान प्रथम है। उन्होंने कुल 17 बार आजादी के मौके पर देश को संबोधित किया है।
उसके बाद इस सूची में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शामिल है, उन्होंने 15 अगस्त के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से 16 बार देश का संबोधन किया है।
तीसरे नंबर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रहे। उन्होंने साल 2004 से 2014 तक अपने कार्यकाल में 10 बार स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपना संबोधन प्रस्तुत किया।
उनके बाद चौथे नंबर पर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक और रिकॉर्ड
इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज है और वह ये कि स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर लाल किले की प्राचीर से सबसे अधिक बार ध्वजारोहण करने वाले वह गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं।
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इस साल के आंकड़े को मिलाते हुए वह अब तक कुल नौंवी बार आजादी के मौके पर लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहरा चुके हैं। उनसे पहले भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज था। साल 1998 से 2003 के बीच वह कुल छह बार झंडा फहरा चुके हैं।