प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 26/11 आतंकी हमले की 12वीं बरसी के मौके पर उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जो मुंबई में हुए इस हमले में मारे गए थे। इसके अलावा उन्होंने लोगों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं भी दी। पीएम मोदी गुरूवार को संविधान दिवस के मौके पर केवड़िया में आयोजित ऑल इंडिया प्रेसाइडिंग ऑफिसर्स की कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस संबोधन में उन्होंने वन नेशन, वन इलेक्शन का मुद्दा भी उठाया।
वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर पीएम मोदी ने दिया ये बयान
इस कार्यक्रम में मोदी ने वन नेशन, वन इलेक्शन का मुद्दा उठाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन आज भारत की जरूरत है। देश में हर कुछ महीने में कहीं ना कहीं चुनाव हो रहे होते हैं, ऐसे में इसपर मंथन शुरू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब हमें पूरी तरह से डिजिटलकरण की ओर बढ़ना चाहिए और कागज के इस्तेमाल को बंद करना चाहिए। आजादी के 75 साल को देखते हुए हमें खुद टारगेट तय करना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि इमरजेंसी के दौर के बाद विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका काफी कुछ सीखकर आगे बढ़े। कोरोना काल में भारत की 130 करोड़ की जनता ने परिपक्वता का परिचय दिया है। इस दौरान संसद के दोनों सदनों में तय समय से ज्यादा काम हुआ है। सांसदों ने वेतन में कटौती कर प्रतिबद्धता जताई है।
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हर नागरिक का आत्मविश्वास बढ़े, संविधान की भी यही अपेक्षा है। यह तभी होगा, जब हम कर्तव्यों को प्राथमिकता देंगे। लेकिन पहले के दौर में इसे ही भुला दिया गया। संविधान में हर नागरिक के लिए कर्तव्यों का जिक्र है। हमारी कोशिश ये होनी चाहिए कि संविधान के प्रति आम नागरिकों की समझ बढ़े। KYC एक नए रूप में सामने आना चाहिए- Know Your Constitution। संविधान की भाषा ऐसी होनी चाहिए, जो सबको समझ आए।
26/11 हमले में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
इसके पहले उन्होंने 26/11 की 12वीं बरसी के मौके इस आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने इस हमले का जिक्र करते हुए कहा कि मुंबई हमले के जख्म भारत भूल नहीं सकता। नया भारत नई रीति-नीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है। आतंक को मुंहतोड़ जवाब देने वाले हमारे सुरक्षाबलों का भी वंदन करता हूं। प्रधानमंत्री ने वन नेशन-वन इलेक्शन की जरूरत पर भी जोर दिया।