झांसी: राजनीति जो कराए वह कम है। हाल ही में जनपद की सदर विधानसभा सीट के लिए समाजवादी पार्टी में टिकट को लेकर तलवारें खिंची हुई हैं। बसपा छोड़ सपा में शामिल हुए सीताराम को हर कोई दरकिनार करते हुए पार्टी में किसी को भी टिकट देने की बात कर रहा है। ऐसे में सीताराम के सपा में शामिल होने के समय लगाया जाने वाला नारा फीका पड़ता नजर आ रहा है और अब समाजवादियों के मुंह से हाय राम निकल रही है।
कांग्रेस के बाद बसपा और अब सपा में शामिल हुए सीताराम कुशवाहा की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा इसलिए था कि सदर विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया जाए लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ गया उनकी उम्मीदवारी खटास में पढ़ती गई। आज आलम यह है कि सदर विधानसभा सीट के लिए सीताराम के नाम घोषित न किए जाने के लिए समाजवादी पार्टी के करीब एक दर्जन लोग प्रदेश के मुख्यालय में डेरा डाले हैं।
उनका कहना है कि पार्टी में तमाम विश्वसनीय लोग हैं, जिन्होंने संघर्ष के दिनों में लाठियां खाई है और प्रताड़ना भी बर्दाश्त की है। ऐसे में हाल ही में बसपा छोड़ सपा में शामिल हुए सीताराम को टिकट कैसे दिया जा सकता है। इससे तो अच्छा है किसी युवा को टिकट दे दिया जाए तो भी पार्टी के हर कार्यकर्ता के द्वारा उसका सहयोग किया जाएगा लेकिन सीताराम के ऊपर किसी प्रकार भी बात नहीं बनेगी।
यह पूरी पंचायत समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने जा पहुंची है। अब वहां क्या निर्णय लिया जाएगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन सीताराम कुशवाहा के सपा में शामिल होने पर जो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता नारा दे रहे थे कि यदि भाजपा के पास है जय श्रीराम तो हमारे पास हैं सीताराम। अब उनके मुंह से हाय राम निकल रही है कि संकट को कैसे टाला जाए। सच ही कहा है राजनीति जो कराए वह कम है ।
कौन हैं सीताराम
सीताराम कुशवाहा का कुशवाहा वोटों पर अच्छी पकड़ बताई जाती है। कभी कांग्रेस पार्टी को छोड़कर अपने और अपने साथियों के हितों को साधने के लिए वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए थे। बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें सदर विधानसभा सीट से 02 बार उम्मीदवार बनाया और दोनों ही बार भाजपा के रवि शर्मा से उन्होंने मात खाई। अब तीसरी बार बसपा उन्हें उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं थी। इसलिए उन्होंने आनन-फानन में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। इस आस के साथ कि उन्हें सदर विधानसभा सीट से सपा का उम्मीदवार बनाया जाएगा लेकिन समय का क्या कहिए जो लोग उन्हें लेकर आए थे आज सब उनके विरोध में है।
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इस मामले में सपा चाणक्य कहे जाने वाले जिलाध्यक्ष महेश कश्यप ने कहा कि जल्द ही सदर विधानसभा के लिए नाम सामने होगा और सपा पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी।