मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जा रही सहायता राशि को बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण और राहत कार्यों की मॉनिटिरिंग के लिए हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं।
सचिवालय में उच्चाधिकारियों के संग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा राहत कार्यों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के मानकों में सम्भव न होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए। आपदा प्रभावितों को यथासंभव सहायता दी जाए। साथ ही कहा कि सहायता राशि पाने में लोगों को अनावश्यक परेशान न होना पड़े, इसका पूरा ख्याल रखा जाए। जरूरतमंदों को हर सम्भव मदद सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 नवम्बर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करना है। इसके लिए उन्होंने दोनों मंडलायुक्तों को इसकी लगातार मानिटरिंग करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि प्रभावित परिवारों को कपड़े,बर्तन और घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली अहेतुक सहायता राशि को 3800 सौ से बढ़ाकर 5 हजार किया गया है। पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिए सहायता राशि जो कि मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार प्रति भवन और पहाड़ी क्षेत्रों में 1 लाख 1 हजार सौ प्रति भवन दी जा रही है, को मैदानी और पर्वतीय दोनों क्षेत्रों में बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार प्रति भवन किया गया है।
आंशिक क्षतिग्रस्त (पक्का) भवन के लिए सहायता 5200 सौ प्रति भवन से बढ़ाकर 7500 सौ प्रति भवन और आंशिक क्षतिग्रस्त (कच्चा) भवन के लिए सहायता 3200 सौ प्रति भवन से बढ़ाकर पांच हजार प्रति भवन किया गया है। भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार अनुमन्य की जाएगी। अर्थात भूमि क्षति पर राहत राशि, कम से कम एक हजार तो दी ही जाएगी। घर के आगे या पीछे का आंगन व दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त में लिया जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी। जिन आवासीय कालोनियों में बिजली के बिल बाहर लगे थे। 18 व 19 अक्टूबर को आई प्राकृतिक आपदा में खराब हो गए हैं, ऊर्जा विभाग इन खराब बिजली के मीटरों को निशुल्क बदलेगा।
राज्य आपदा मोचन निधि मानकों से अनुमन्य की गई अधिक धनराशि का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा। इसी प्रकार क्षतिग्रस्त भवनों के प्रकरणों में यदि भवन एसडीआरएफ के मानकों की परिधि से बाहर है तो ऐसे प्रकरणों पर सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी। जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से नुकसान होने पर 5 हजार की सहायता दी जाएगी। एसडीआरएफ के मानकों में कवर न होने पर की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।
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बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार,आनंद बर्द्धन,अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव अमित नेगी,आर मीनाक्षी सुंदरम,शैलेश बगोली,एसए मुरूगेशन,डॉ.बीवीआरसी पुरुषोत्तम,आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन,आयुक्त कुमाऊँ सुशील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।