उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से विधायक और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के नेता अब्बास अंसारी की विधायकी समाप्त हो गई है। मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा उन्हें दो साल की सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद उनकी विधानसभा सदस्यता स्वतः समाप्त मानी गई है। अब इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, जिसमें आज की तारीख से सदस्यता रद्द होने का जिक्र होगा।
अब्बास अंसारी को यह सजा साल 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषण के मामले में सुनाई गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट केपी सिंह की अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए दो वर्ष की सजा और तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया है। इस केस में सह आरोपी मंसूर अंसारी को भी छह महीने की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता स्वतः रद्द हो जाती है। यह फैसला जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) को निरस्त करने के बाद लागू हुआ, जो पहले सजा पाए जनप्रतिनिधियों को अपील के लिए समय देता था।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर दोषी ठहराया गया सदस्य उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट से अपील कर निर्णय अपने पक्ष में करवाने में सफल होता है, तो उसकी सदस्यता स्वतः बहाल हो सकती है।
इस सजा के बाद अब्बास अंसारी की राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं, वहीं राज्य की राजनीति में भी यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है।