भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि अगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान के बारे में इतनी ही चिंतित हैं तो उन्हें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के स्थान पर सौरव गांगुली को राज्य का ब्रांड एंबैस्डर नियुक्त करना चाहिए। बनर्जी ने कहा था कि वह गांगुली को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद के दूसरे कार्यकाल से ‘‘वंचित’’ किये जाने से ‘स्तब्ध’ हैं। इसके कुछ देर बाद ही विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने यह टिप्पणी की।
1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रोजर बिन्नी बीसीसीआई में गांगुली का स्थान लेंगे। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और बंगाली भावनाओं को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए, भाजपा नेता अधिकारी ने मुख्यमंत्री से गांगुली को राज्य का ब्रांड एंबैस्डर नियुक्त करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि गांगुली के बीसीसीआई प्रमुख पद से विदाई में कोई राजनीति नहीं है और आरोप लगाया कि बनर्जी ‘घड़ियाली आंसू बहाकर’ इसमें राजनीति ढूंढने की कोशिश कर रही हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, जिस तरह से सौरव गांगुली को अपमानित किया गया है, वह अस्वीकार्य है। भाजपा उन्हें पार्टी में शामिल नहीं कर सकी, इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया। हम इसकी निंदा करते हैं। इसका ब्रांड एंबैस्डर के मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है।” पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आश्चर्य जताया कि बनर्जी को इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने में इतना समय क्यों लगा।
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उन्होंने कहा, “ शायद उन्हें देर से एहसास हुआ कि यह मुद्दा बंगालियों के लिए महत्वपूर्ण है। हम सभी चाहते हैं कि सौरव बीसीसीआई अध्यक्ष बनें।” तृणमूल कांग्रेस ने पहले दावा किया था कि यह ‘बदले की राजनीति’ की मिसाल है कि अमित शाह के बेटे जय शाह तो दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई के सचिव बने हुए हैं, लेकिन गांगुली को संस्था का अध्यक्ष नहीं बने रहने दिया गया।