नैनीताल। प्रकृति का स्वर्ग कही जाने वाली पर्यटन नगरी सरोवरनगरी के हार में ‘एस्ट्रो टूरिज्म’ का एक ओर नगीना जुड़ने जा रहा है। नगर के निकट हल्द्वानी रोड पर करीब चार किलोमीटर दूर स्थित ताकुला गांव की पहचान अब तक गांधी ग्राम के रूप में होती आई है। यहां वर्ष 1929 और 1932 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने प्रवास किया था। इस कारण सैलानियों के लिए यह गांव और यहां स्थित ‘गांधी मंदिर’ आकर्षण का केंद्र है। अब ताकुला गांव की पहचान ‘एस्ट्रो टूरिज्म विलेज’ यानी खगोल पर्यटन गांव के रूप में होगी। जनपद में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस गांव को खगोल पर्यटन के लिए विकसित किया जा रहा है।
नैनीताल के विधायक संजीव आर्य ने बताया कि इसके लिए 2 करोड़ 46 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है। जल्द ही गांव में अत्याधुनिक दूरबीन स्थापित करने के साथ ही अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पलायन की बढ़ती समस्या और ग्रामीणों को पर्यटन रोजगार से जोड़ने के लिए यह प्रोजेक्ट कारगर साबित होगा। ताकुला एस्ट्रो विलेज में पहाड़ी शैली में होमस्टे बनाए जाएंगे। भवन में अल्मोड़ा के पत्थर और लकड़ी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रयोग से प्रदेश की वास्तुकला को भी संरक्षण मिलेगा।
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उल्लेखनीय है कि ताकुला गांव के शीर्ष पर स्थित मनोरा पीक पर देश का ख्यातिप्राप्त एरीज यानी आर्यभट्ट प्रेक्षण संस्थान स्थित है। यहां से दूरबीनों के जरिये रोशनी के प्रदूषण से रहित साफ आसमान में सुदूर ब्रह्मांड में स्थित आकाशीय पिंडों का नजारा लेने के साथ ही अध्ययन किया जाता है। लिहाजा ताकुला से भी प्रदूषण रहित आकाशीय पिंडों का सैलानी भव्य नजारे ले सकेंगे।