शिया धर्म गुरू और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक का बीते मंगलवार की रात में इंतकाल हो गया। मौलाना कल्बे सादिक लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। काल्वे सादिक के निधन पर देश भर के सभी नेताओं ने दुख जातया और श्रद्धांजलि दी। काल्वे सादिक पर बुधवार को लखनऊ के यूनिटी कॉलेज में नमाज ए जनाजा पढ़ा गया। जिसमें बड़ी संख्या में अलग-अलग धर्मों के लोग शामिल हुए।
मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरी ने दी श्रद्धांजलि
मौलाना कल्बे सादिक को महंत देव्यागिरी ने भी श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचीं थीं। इस दौरान मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरि ने कहा कि मनकामेश्वर बाबा से मौलाना कल्बे सादिक की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं। साथ ही उनके परिजनों, मित्रों और शिया समुदाय को इस गहरे सदमे को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करते हैं।
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अयातुल्ला खामनेई के भारत में प्रतिनिधि आयतुल्लाह मेहंदी मेहंदवी ने नमाज ए जनाजा पढ़ाई। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सुपुर्दे खाक करने के लिए लखनऊ छोटे इमामबाड़ा स्थित गुफरान मॉब ले जाया गया। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे।
राज्यपाल ने व्यक्त किया शोक
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिया धर्म गुरू मौलाना कल्बे सादिक के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने शोक सन्देश में कहा है कि मौलाना कल्बे सादिक की पहचान समाज में गंगा जमुनी तहजीब के रूप में थी, उनका सभी धर्मो के प्रति गहरा लगाव था। मौलाना सादिक का निधन समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए परिजनों के प्रति संवेदना एवं सहानुभूति व्यक्त की है।