दुर्ग । छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दिव्यांग लोगों के लिए सामूहिक विवाह का आयोजन करवाया गया। इसमें शादी के बाह हर जोड़े को एक लाख रुपये भी मिलने थे। लेकिन हद तो तब हो गई, जब पैसों के लालच में कुछ ऐसे जोड़े भी शादी के लिए पहुंच गए जो पहले से शादीशुदा थे।
यही नहीं उनके दो या तीन बच्चे भी हैं। आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान ने इस सामूहिक शादी का आयोजन करवाया था। जैसे ही इस तरह के जोड़े पकड़े गए, उन्हें तुरंत वहां से निकाल दिया गया। अब पुलिस उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है।
दुर्ग में आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान ने 300 दिव्यांगों जोड़े के लिए सामूहिक विवाह का आयोजन किया था। यह संस्था पहले भी सैकड़ों युवक-युवतियों का विवाह करा चुकी है। इस बार कहा गया था कि हर जोड़े को संस्थान एक लाख रुपए भी देगी। बस फिर क्या था। इसको लेकर छत्तीसगढ़ के सरगुजा, अंबिकापुर, सूरजपुर, बिलासपुर और बस्तर से कई जोड़े दुर्ग पहुंच गए।
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय और दुर्ग सांसद विजय बघेल भी यहां पहुंचे थे। सब कुछ सही चल रहा था। मुख्यमंत्री ने जोड़ों को आशीर्वाद भी दिया। तभी संस्था को पता चला कि 20 ऐसे जोड़े इस शादी में पहुंचे जो कि पहले से ही शादीशुदा हैं।
इतना ही नहीं 27 साल का एक युवक तो पैसों के चक्कर में 45 साल की महिला को लेकर विवाह करने पहुंचा था। ये भी पाया गया कि आयोजन में छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड से भी जोड़े पहुंच गए थे। जबकि, सामूहिक विवाह का आयोजन सिर्फ छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए किया गया था।
संस्था के कर्मचारियों ने ऐसे जोड़ों के तुरंत वहां से निकाला। आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान के अध्यक्ष प्रकाश गेडाम ने बताया कि हमने पुलिस को इस बाबत सूचना दे दी है। इन 20 जोड़ों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कुछ जोड़ों ने कहा कि वे जानबूझकर यहां नहीं आए। उन्हें यहां बुलाया गया था। उन्होंने यह नहीं बताया कि किसने उन्हें यहां बुलाया था। पुलिस अब इन जोड़ों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई करेगी।