सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कड़ी फटकार लगाई है। इसी वजह कोरोना वायरस की जद में आकर अनाथ हुए बच्चों की देखभाल और चिल्ड्रन शेल्टर होम्स को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उचित व्यवस्था करने के अहम मुद्दे हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सतह संज्ञान में लिया था। दरअसल, इस मामले को उठाते हुए सप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश जारी किया था कि कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के विवरण जुटा कर NCPCR (राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग) के पोर्टल पर अपलोड करें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अब तक ऐसा नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को दिया आदेश
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए वो उसके पिछले आदेश का पालन करते हुए इस कार्यवाही को पूरी करे, ताकि जिन बच्चों को सुरक्षा और केयर की ज़रूरत है, उन्हें सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। पश्चिम बंगाल के वकील को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो अपने अधिकारियों से अनाथ बच्चों की जानकारी जुटाने के लिए कहे और उन्हें त्वरित रूप से NCPCR के पोर्टल पर अपलोड करे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों ने उसके आदेश को मानते हुए व्यवस्थित रूप से सूचनाओं को अपलोड किया है, लेकिन एक पश्चिम बंगाल सरकार ही है जिसे ये आदेश अब तक समझ में ही नहीं आया। साथ ही फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार कन्फ्यूजन वाला बहाना न बनाए क्योंकि जब सारे राज्यों ने आदेश का पालन किया है, केवल बंगाल के लिए कन्फ्यूजन कैसे हो सकता है?
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साथ ही ये भी आदेश दिया कि पश्चिम बंगाल सरकार न सिर्फ सूचनाओं को अपलोड करे, बल्कि अनाथ बच्चों के लिए चल रही योजनाओं का लाभ उन तक पहुँचाए और अगले आदेश के बिना ही ये सब हो जाना चाहिए। इन सूचनाओं को कुल 6 स्टेज में NCPCR को सौंपना है, जिनमें से दो चरण तत्काल में पूरे किए जाएँगे। शीर्षतम अदालत ने माना कि बाकी की प्रक्रिया में समय लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को भी विशेष निर्देश दिए।