महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी गठबंधन के घटक दलों में टकराव बढ़ता ही जा रहा है। शिवसेना विधायक सुहास कांदे ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल पर फंड अवमुक्त न करने का आरोप लगाया है। इस पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी घटक दलों के विधायकों का सम्मान जरूरी है, तब ही यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सकती है। राकांपा नेता छगन भुजबल नासिक जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं।
गठबंधन दलों में शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप
नासिक जिले के नांदगांव विधानसभा क्षेत्र के गठबंधन में शामिल शिवसेना विधायक सुहास कांदे ने जिले के प्रभारी मंत्री और गठबंधन के अन्य घटक एनसीपी के छगन भुजबल पर जिला विकास निधि के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। कांदे ने कहा कि उनके पास भुजबल के खिलाफ सबूत भी हैं और वे जल्द ही हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। विधायक कांदे ने कहा कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के अतिवृष्टि प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक मदद की मांग की थी, लेकिन प्रभारी मंत्री भुजबल ने कोई कदम नहीं उठाया। इस मुद्दे पर नासिक जिले में शिवसेना और राकांपा के बीच टकराव बढ़ गया है। हालांकि भुजबल ने शिवसेना नेताओं को समझाने का प्रयास किया है, लेकिन उनको सफलता नहीं मिली।
इस मुद्दे पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राऊत ने कहा कि महाविकास आघाड़ी गठबंधन के सभी घटक दलों के विधायकों का सम्मान जरूरी है, नहीं तो यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकेगी। हालांकि बाद में राऊत ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार को कोई खतरा नहीं है।
वहीं, राज्यसभा की एक सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और कांग्रेस नेता एवं राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने गुरुवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। इस मुलाकात पर राकांपा और शिवसेना ने नाराजगी जताई थी। शिवसेना के एक नेता ने कहा था कि महाविकास आघाड़ी गठबंधन के पास पर्याप्त संख्याबल है। इसके मद्देनजर कांग्रेस को भाजपा से बात करना किसी भी हालत में उचित नहीं है। इस नाराजगी के बाद नाना पटोले ने कहा कि फडणवीस उनके परम मित्र हैं, इसलिए इस मुलाकात को गलत चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता अनंत गीते ने रायगढ़ जिले में एक कार्यक्रम में कहा था कि राकांपा का जन्म पीठ में खंजर भोंकने के बाद हुआ है। इसलिए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार उनके नेता नहीं हो सकते हैं। उनके नेता शिवसेना के दिवंगत प्रमुख बालासाहब ठाकरे हैं। इस बयान पर भी जोरदार विवाद हुआ था।