देशभर में कोरोना से मची तबाही से लोगों की जान बचाने के लिए जहां दुनिया भर के दूसरे देश भारत की तरफ आर्थिक मदद का हाथ बढ़ा रहे है, वहीं दूसरी तरफ इस संकट काल में महाराष्ट्र सरकार ने तय किया है कि वह उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के सोशल मीडिया पर वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए 6 करोड़ रुपए खर्च करेगी। दरअसल इसके जरिए उद्धव ठाकरे की सरकार अजित पवार और उनके विभाग के कामों की जानकारी को आम जनता तक पहुंचाना चाहती है। इतना ही नहीं, राज्य सरकार ने तय किया है कि वह इसका ठेका किसी बाहरी कंपनी को देगी।

वहीं, सरकार के इस कदम से विपक्षी पार्टी भाजपा को उन्हें घेरने का एक और मौका मिल गया है। भाजपा ने आरोप लगाया गया है कि कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में जहां एक ओर इलाज, दवा और वैक्सीन के लिए सरकार पैसे की कमी का रोना रो रही है, तो दूसरी ओर एक मंत्री के प्रचार-प्रसार के लिए 6 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
भाजपा के प्रवक्ता राम कदम ने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र सरकार डेप्युटी चीफ मिनिस्टर अजित पवार के सोशल मीडिया के लिए 6 करोड़ खर्च करने जा रही है। क्या प्राथमिकता है? टीकाकरण के लिए पैसे नहीं कहने वाले, अब खुद की वाह-वाह के लिए करोड़ों खर्च करेंगे।’
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र में फिलहाल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाविकास आघाड़ी सरकार सत्ता में है। शिवसेना के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस इस सरकार में सहयोगी पार्टी की भूमिका अदा कर रही है।
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