कोरोना संकट के बीच सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा, डीएम ने दी सफाई

जहां एक तरफ कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखी है, वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर्स फरिश्ता बनकर मरीजों की सेवा में लगे हुए है। लेकिन यूपी में कोरोना महामारी के इलाज के संकट के बीच उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 14 सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों ने इस्‍तीफा दे दिया है। बुधवार को 14 सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इस्तीफा सौंपा। इस्तीफा देने वाले सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टरों ने डीएम और सीएमओ पर उत्पीड़न और तानाशाही का आरोप लगाया है।

इस्‍तीफे के बाद जिले की स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था पर संकट

जानकारी के अनुसार, डॉक्टरों का कहना है कि दवाइयों और संसाधनों की कमी के चलते तीमारदारों से रोज उन्‍हें दो चार होना पड़ता है। उनके प्रयासों से ही कोरोना के मामलों में कमी आई है बावजूद इसके डीएम रविन्द्र कुमार और सीएमओ कैप्टन आशुतोष सिंह की उपेक्षा झेलनी पड़ रही है। डॉक्‍टरों का कहना है कि हम यह उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेंगे। 14 केंद्रों के प्रभारियों के इस्‍तीफे के बाद उन्‍नाव में स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था पर संकट गहरा गया है। उन्नाव में 37 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। यदि इनका इस्तीफा मंजूर होता है तो यहां की ग्रामीण चिकित्सा व्यवस्था चरमा जाएगी। वहीं, जिन डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है वे इस क्षेत्र में डेढ़-दो साल से काम कर रहे हैं। बाकी ज्यादातर स्टाफ नया है।

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दो डॉक्टरों पर कार्रवाई के बाद डॉक्‍टरों ने लिया इस्‍तीफे का फैसला

डॉक्टरों का कहना है कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी असोहा और कार्यवाहक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी चौरासी के खिलाफ बिना आरोप पत्र दिए और स्पष्टीकरण लिए अधीक्षक के पद से हटाकर कोविड कंट्रोल रूम में लगा दिया गया। डॉक्टरों ने बुधवार की शाम मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर एसीएमओ डॉक्टर तन्मय कक्कड़ को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है। पत्र पर 14 डॉक्टरों ने हस्‍ताक्षर किए हैं। वहीं दूसरी तरफ सीएमओ कैप्टन आशुतोष सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्‍होंने कहा कि डॉक्टरों की समस्या का समाधान होगा। वहीं सीएमओ ने कहा कि, मेरे ऊपर लगाया गया उत्पीड़न का आरोप गलत है।