भारत ने मसालों में कीटनाशक अवशेषों की अधिकतम सीमा के लिए कड़े मानदंड अपनाए

नयी दिल्ली। सरकार ने रविवार को कहा कि भारत में खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेषों के लिए सबसे कड़े मानदंड हैं। इसके साथ ही खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि मसालों और जड़ी-बूटियों में उच्चस्तर के कीटनाशक अवशेषों की अनुमति है।

इससे पहले हांगकांग के खाद्य नियामक ने दो प्रमुख भारतीय ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसालों के नमूनों में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की कथित उपस्थिति के कारण प्रतिबंध लगा दिया था।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) घरेलू बाजारों में बेचे जाने वाले एमडीएच और एवरेस्ट सहित ब्रांडेड मसालों के नमूने ले रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे इसके गुणवत्ता मानदंडों का अनुपालन करते हैं। प्राधिकरण निर्यात किए जाने वाले मसालों की गुणवत्ता निर्धारित नहीं करता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जोखिम मूल्यांकन के आधार पर विभिन्न खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों की अधिकतम मात्रा अलग-अलग होती है।

मंत्रालय ने कहा, कुछ मीडिया खबरों में दावा किया जा रहा है कि एफएसएसएआई जड़ी-बूटियों और मसालों में 10 गुना अधिक कीटनाशक अवशेषों की अनुमति देता है। ऐसी रिपोर्ट झूठी और दुर्भावनापूर्ण हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारत में अधिकतम अवशेष सीमा (एमआएल) के लिए बेहद कड़े मानक हैं।