Lucknow News: इस्राइल-फलस्तीन के विवाद पर CM योगी का कड़ा आदेश, भारत सरकार के विचारों के विपरीत जाने पर होगी सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नामांतरण, वरासत, परिवार के बंटवारे, पैमाइश के मामलों के निस्तारण में लापरवाही होने पर कमिश्नर और DM जिम्मेदार होंगे। इसमें लेटलतीफी पर सख्त नाराजगी जताने के साथ तहसीलवार प्रदर्शन की रिपोर्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि ”तारीख पर तारीख” की प्रवृत्ति कतई स्वीकार नहीं की जाएगी। लेखपाल, राजस्व निरीक्षक आदि पर कार्रवाई होगी तो मंडलायुक्त और DM भी जवाबदेह होंगे। वहीं बरेली में छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने शोहदों पर सख्ती से लगाम कसने के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री बीते दिन गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम आने वाले त्योहारों को ध्यान में रख कर की गयी तैयारियों और कानून-व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने शारदीय नवरात्रि में प्रमुख देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर हुई तैयारियों का निरंतर जायजा लिया। कहा कि शारदीय नवरात्रि पर मिशन शक्ति अभियान के चौथे चरण की शुरुआत होने जा रही है, जिसे सफल बनाने की जिम्मेदारी आप सभी की है। आने वाले एक महीने त्योहारों के दृष्टिगत खासा संवेदनशील है। बीट सिपाही से लेकर हल्का इंचार्ज और पुलिस कप्तान समेत हर अधिकारी सड़क पर उतरे। कुछ अराजक तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं। पुलिस को अलर्ट रहना होगा। त्योहार में अश्लील गीतों और कानफोड़ू डीजे संगीत से भी समस्या उत्पन्न होती है। इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने इस्राइल-फलस्तीन विवाद को लेकर कहा कि सभी पुलिस कप्तान अपने क्षेत्र में धर्मगुरुओं से तत्काल संवाद करें। इस प्रकरण में भारत सरकार के विचारों के विपरीत किसी तरह की गतिविधि स्वीकार नहीं की जाएगी। सोशल मीडिया हो अथवा धर्मस्थल कहीं से भी किसी भी प्रकार का उन्मादी बयान आदि न दिए जाए। यदि किसी के द्वारा ऐसा करने का कुप्रयास हो तो तत्परता के साथ कार्रवाई की जाए।उन्होंने सभी DM और पुलिस कप्तानों से कहा कि हर एक तैनाती मेरिट के अनुसार ही होनी चाहिए। यदि कहीं भी सिफारिश अथवा किसी के दबाव में किसी की फील्ड पोस्टिंग की गई है तो उसको गंभीरता से लिया जाएगा।

IGRS में प्रदर्शन की रिपोर्ट जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जनता के लिए तैनात हैं, जनता से मिलना और उनकी तमाम समस्याओं का निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए। फील्ड में तैनात जो अधिकारी-कर्मचारी ऐसा कर पाने में सक्षम न हो उसे तत्काल फील्ड की तैनाती छोड़ देनी चाहिए।