जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर में हालिया नागरिकों की हत्याओं में शामिल लोगों को अपने अमानवीय कृत्यों के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और प्रशासन के साथ सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर की धरती से आतंकवाद के खात्मे तक आराम नहीं करेंगे।
उपराज्यपाल ने कहा- हत्याओं में शामिल लोग शांति के दुश्मन
उपराज्यपाल ने गुरुवार को सशस्त्र पुलिस परिसर ज़ेवान, श्रीनगर में पुलिस स्मृति दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कोई जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश करता है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा और हमारी तरफ से मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा बल शांति बनाए रखने के लिए सराहनीय काम कर रहे हैं। चाहे वह कोविड महामारी से लड़ना हो, कोविड उपयुक्त व्यवहार को लागू करना हो, कानून व्यवस्था बनाए रखना हो या उग्रवाद से लड़ना हो, पुलिस सबसे आगे है। जम्मू-कश्मीर पुलिस न केवल यूटी में बल्कि पूरे देश में अपनी क्षमताओं और जिम्मेदारियों के लिए लोकप्रिय है। उन्होंने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर पुलिस का दूसरा नाम हो तो वह जिम्मेदारी है।
उपराज्यपाल ने कहा कि नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों की हत्याओं में शामिल लोग शांति के दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के साथ प्रशासन किसी को भी जम्मू-कश्मीर के सदियों पुराने सांप्रदायिक ताने-बाने को नुकसान नहीं पहुंचाने देगा। उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में नागरिक समाज से कश्मीर में नागरिक हत्याओं के खिलाफ आवाज उठाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि नागरिकों की जघन्य और अमानवीय हत्याओं की एक स्वर में निंदा करने से प्रशासन, पुलिस और अन्य बलों को आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज करने में मदद मिलेगी।
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उपराज्यपाल ने कहा कि आज मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि प्रशासन, पुलिस और अन्य बल तब तक आराम नहीं करेंगे जब तक हम जम्मू-कश्मीर की धरती से आतंकवाद को जड़ से खत्म नहीं कर देते।