हिमाचल प्रदेश की जनता ने राज्य में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा को कायम रखा है. 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने 40 सीटें जीत कर भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया. वहीं, भाजपा ने 25 सीटें, जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. आम आदमी पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल पायी और कई सीटों पर उसे नोटा से भी कम वोट मिले हैं.
‘आप’ ने 67 सीट पर चुनाव लड़ा था. चुनावी नतीजों के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार शाम को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. भाजपा के नौ मंत्री चुनाव हार गये हैं. हिमाचल का 1985 से यह राजनीतिक इतिहास रहा है कि यहां की जनता ने किसी भी पार्टी को लगातार दो बार सत्ता की चाबी नहीं सौंपी है.
कांग्रेस विधायकों की बैठक आज
कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने विधायकों की बैठक हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बुलायी है, जिसमें छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राजीव शुक्ला बतौर पर्यवेक्षक शामिल होंगे. इसमें विधायक दल का नेता चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को अधिकृत करते हुए प्रस्ताव पारित किया जा सकता है.
प्रतिभा, सुक्खू व मुकेश सीएम की दौड़ में
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू व मुकेश अग्निहोत्री के नाम सीएम पद के दावेदारों में शामिल हैं. प्रतिभा सिंह मंडी से सांसद हैं. अग्निहोत्री ब्राह्मण नेता हैं, जबकि सुक्खू ठाकुर समुदाय से हैं.
कुछ भी कर सकती है भाजपा : बघेल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाना होगा, क्योंकि भाजपा कुछ भी कर सकती है. उन्होंने इन अटकलों को खारिज किया कि हिमाचल प्रदेश से पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों को छत्तीसगढ़ स्थानांतरित किया जायेगा.