दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एलजी ने कल रात बजट पेश करने की अनुमति दे दी। उन्हें बजट से आपत्ति नहीं थी बल्कि वो चाहते थे कि आप हमारे सामने झूको और हम झुके। केंद्र ने आज तक बजट पर आपत्ति नहीं की। पहली बार केंद्र ने परंपरा तोड़ी। संविधान के मुताबिक एलजी का काम मंजूरी देना। एलजी फाइल पर कुछ नहीं लिख सकते।
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार को बजट पर आपति करने का कोई अधिकार नहीं है। इन्होंने ऊपर से लेकर नीचे तक अनपढ़ों की जमात बैठा रखी है।
हमने 17 मार्च को मुख्य सचिव के पास बजट की फाइल भेजी थी। वो तीन दिन तक फाइल लेकर बैठे रहे। अहंकार की वजह से फाइल रोक रखी थी। हमने केंद्र की आपत्तियों का जवाब दिया। हमने बजट में कोई बदलाव नहीं किया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा मैं हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि हम छोटे लोग हैं हमें राजनीति करनी नहीं आती है। घर में लड़ाई होती है वह घर बर्बाद हो जाते हैं। जिस राज्य में लड़ाई होती है वह राज्य बर्बाद हो जाते हैं। सब मिलजुल कर काम करेंगे तो तरक्की होगी।
केजरीवाल ने सदन को यह भी जानकारी की दिल्ली का बजट बुधवार को 11 बजे विधानसभा में पेश किया जाएगा।
इस वजह से आखिरी वक्त पर अटका बजट?
1.) बजट का मात्र 20 फीसदी पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडीचर) पर खर्च करने का प्रस्ताव है। यह राशि, दिल्ली जो देश की राजधानी है और एक महानगर भी है, के लिए पर्याप्त नहीं है।
2.) केजरीवाल सरकार दो साल में प्रचार-प्रसार पर खर्च को दो गुना कर चुकी है, जिस पर उपराज्पयपाल ने स्पष्टीकरण मांगा है।
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3.) आयुष्मान भारत जैसी अन्य केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिल्ली की गरीब को जनता न देने पर भी उपराज्यपाल ने स्पष्टीकरण मांगा है।