भाजपा ने मंगलवार को दिल्ली के सेवा मंत्री सौरभ भारद्वाज से उस आईएएस अधिकारी के बारे में चुप्पी को लेकर सवाल किया, जिसे उन्होंने सतर्कता विभाग से हटाने की मांग की है। भारद्वाज के इस आशय के आदेश सामने आने के एक दिन बाद यह सामने आया है। विशेष सचिव सतर्कता वाईवीवीजे राजशेखर पर जबरन वसूली रैकेट चलाने का आरोप लगाते हुए भारद्वाज ने उन्हें सभी कार्यों और मामलों से वंचित कर दिया। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फ्लैगस्टाफ रोड आवास की मरम्मत, कथित आबकारी नीति घोटाला और फीडबैक यूनिट (एफबीयू) शामिल हैं।
भाजपा ने उनके तबादले के समय पर सवाल उठाने के अलावा केजरीवाल के “जांच के डर” को इस कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक विजलेंस अधिकारी जबरन वसूली का रैकेट चला रहा है और प्रोटेक्शन मनी की डिमांड कर रहा है, लेकिन विधायक सौरभ भारद्वाज चुप रहते हैं। रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला एक बार भी मीडिया को नहीं बताता, इसका कारण स्पष्ट है। बीजेपी ने कहा कि वैसे सीएम केजरीवाल को 11 मई को कोर्ट से सत्ता मिलने के बाद अचानक ये बात 13 मई को ही क्यों पता चली ? कमाल है।
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सरकार के सूत्रों ने कहा कि राजशेखर को 15 दिनों के भीतर फ्लैगस्टाफ रोड पर रिपोर्ट देनी थी और यह अवधि सोमवार को समाप्त हो गई। भारद्वाज के आदेश के जवाब में अधिकारी ने सचिव, सतर्कता और मुख्य सतर्कता अधिकारी को लिखा है कि उनका स्थानांतरण अवैध है। उनका जवाब था: अधोहस्ताक्षरी (राजशेखर) को कर्तव्यों का पालन करने से रोका जा रहा है और मुझे आबकारी मामले, 6, फ्लैगस्टाफ रोड, सिविल लाइंस, डीआईपी (सूचना और प्रचार विभाग) जैसे संवेदनशील मामलों से संबंधित रिकॉर्ड के गंभीर खतरे और विचलन की आशंका है … अनुरोध है कि मंत्री (सतर्कता) द्वारा जारी आदेश पर रोक लगाने के लिए इस मामले को उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाए।