लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि हिंदू दुनिया में सबसे “सभ्य” और “सहिष्णु” बहुसंख्यक हैं। तालिबान को दक्षिणपंथी समूहों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के साथ तुलना करने के बाद, जावेद अख्तर को सामना की आलोचना झेलनी पड़ी थी। उसके बाद उन्होंने यह लेख लिखा है।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के एक बयान के संदर्भ में जावेद अख्तर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का नाम लिए बिना कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे के सबसे बुरे आलोचक भी उन पर किसी भी भेदभाव या अन्याय का आरोप नहीं लगा सकते। आपको बता दें कि फडणवीश ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की यात्रा के बाद दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के अस्थायी स्मारक की शुद्धिकरण शिवसेना की “तालिबानी मानसिकता” को दर्शाता है।
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पूर्व संसद सदस्य ने 3 सितंबर को एक समाचार चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, “जैसे तालिबान एक इस्लामिक स्टेट चाहता है, वैसे ही जो हिंदू राष्ट्र चाहते हैं, वे एक ही मानसिकता के हैं। चाहे मुसलमान हों, ईसाई हों, यहूदी हों या फिर हिंदू। ” उन्होंने कहा था, “बेशक, तालिबान बर्बर है और उनकी हरकतें निंदनीय हैं, लेकिन आरएसएस, विहिप और बजरंग दल का समर्थन करने वाले भी वही हैं। “
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