वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के स्पष्ट संकेत नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब उद्योग जगत को भी जोखिम उठाने के साथ क्षमता निर्माण में निवेश के लिए तैयार रहना चाहिए। सीतारमण ने सीआईआई वैश्विक आर्थिक नीति सम्मेलन 2021 को संबोधित करते हुए कहा कि आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए उद्योग जगत को आगे आना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि मैं उद्योग जगत से अपील करती हूं कि वह क्षमता बढ़ाने में अब और देर न करे। उन्होंने कहा कि आय असमानता कम करने के लिए उद्योगों को अधिक रोजगार देना होगा। निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत से आयातित तैयार उत्पादों की संख्या में कटौती करने और विनिर्माण में निवेश बढ़ाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जब भारत की नजर वृद्धि तेज करने पर लगी है, उस समय मैं चाहती हूं कि भारतीय उद्योग जगत अधिक जोखिम उठाएं और भारत की चाहत को समझें।
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उल्लेखनीय है कि इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गर्वनर ने भी निजी निवेश बढ़ाने की बात कही थी। शक्तिकांत दास ने एक दिन पहले कहा कि कोविड-19 महामारी की मार झेल चुकी अर्थव्यवस्था के तमाम वृहत संकेतक आर्थिक रिकवरी के मजबूत होने का इशारा कर रहे हैं। हालांकि, आरबीआई गवर्नर ने आर्थिक वृद्धि के टिकाऊ होने के लिए निजी पूंजी निवेश में वृद्धि को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था समुचित तेज रफ्तार से बढ़ने का सामर्थ्य रखती है, लेकिन उसके लिए निजी पूंजी का निवेश बढ़ना जरूरी है।