नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री इंदिरा ह्रदयेश की अंतिम यात्रा में सोमवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा। उनकी पार्थिव देह को आवास से स्वराज आश्रम ले जाया गया। वहां लोगों ने अपनी नेता के दर्शन किए। यहां से दोपहर बाद पार्थिव देह को रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट ले जाया जाएगा।
चित्रशिला घाट में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। हल्द्वानी के साथ ही कुमाऊं से उनके समर्थक अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे हैं। जब तक सूरज-चांद रहेगा, इंदिरा तेरा नाम रहेगा। इंदिरा हृदयेश अमर रहें जैसे नारों से पूरा हल्द्वानी गूंज रहा है।
मां की मुख्यमंत्री बनने की हसरत रह गई अधूरीः सुमित ह्रदयेश
वो हम सबको अचानक छोड़कर चली गईं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में लगभग सबकुछ हासिल किया। मगर उनकी मुख्यमंत्री बनने की हसरत अधूरी रह गई।’ मां की यह पीड़ा समर्थकों से बांटते हुए दिवंगत कांग्रेस नेता इंदिरा ह्रदयेश के पुत्र सुमित ह्रदयेश की आंखों में आंसू छलक पड़े।
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उन्होंने सोमवार को कहा कि मां ने हमेशा पार्टी हित को ऊपर रखा। हाईकमान का हर कहा माना। मुख्यमंत्री बनने के सारे गुण उनमें थे। लेकिन कांग्रेस की बेहतरी के लिए वो कभी बगवात पर नहीं उतरीं। अंतिम क्षणों तक कांग्रेस के लिए सोचती रहीं। मां से बहुत कुछ सीखने को मिला है। अब उनके सपनों को पूरा करने के लिए काम करना होगा।