बीते वर्ष फरवरी माह में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा कि साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार हुई पिंजरा तोड़’ की कार्यकर्ता नताशा नरवाल को दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को तीन सप्ताह के लिए जमानत पर रिहा कर दिया है। बताया जा रहा है कि उन्हें यह जमानत अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए दी गई है, जिनकी बीती रात कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी।
हाईकोर्ट ने सुनाया यह फैसला
दरअसल, एक दिन पहले ही नताशा के पिता महावीर नरवाल की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी। महावीर नरवाल भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के वरिष्ठ सदस्य थे। इसी वजह से हाईकोर्ट ने नताशा की जमानत याचिका को मंजूरी दी है।
हाईकोर्ट ने कहा कि हमें बताया गया कि नताशा के पिता के अंतिम संस्कार करने के लिए परिवार में अभी कोई सदस्य नहीं है, पिता का पार्थिव शरीर अस्पताल में रखा हुआ है। हाई कोर्ट ने पूछा कि ‘क्या अंतिम संस्कार के लिए नताशा के परिवार में कोई और सदस्य नहीं है? नताशा के वकील ने बताया कि उसकी माँ का निधन 15 साल पहले हो गया था और भाई कोरोना संक्रमित है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि न्याय के हित को ध्यान में रखते हुए, हमारा मानना है कि दुख और व्यक्तिगत हानि के इस समय और मामले के तथ्यों को देखते हुए रिहाई आवश्यक है। अर्ज़ी का सरकार ने भी विरोध नहीं किया है।
आपको बता दें कि सीएए विरोधी और पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता नताशा नरवाल मई 2020 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन पर फरवरी 2020 में हुए हिन्दू विरोधी दिल्ली दंगों में साजिश रचने का गंभीर आरोप है। नताशा पर UAPA के तहत मामला दर्ज हुआ था।
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फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिन्दू विरोधी हिंसा भड़क उठी थी। सीएए के विरोध में महीनों से जारी आंदोलन फरवरी 2020 में हिंसक हो गया था। तीन दिनों तक चली इस हिन्दू विरोधी हिंसा में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। दिल्ली की गलियों में हो रही इस हिंसा में इस्लामी भीड़ ने ऐसा क्रूर प्रदर्शन किया था, जो हाल के दिनों में नहीं देखने को मिला था।