उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार के लिए विपक्षियों के हमलों का सबब साबित हो रहे हाथरस कांड में एक नया मोड़ आया है। इस मामले की जांच के दौरान सीबीआई के हाथों एक ऐसा सबूत हाथ लगा है, जिसने पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। दरअसल, इस मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए चारों आरोपियों में एक नाबालिग है। इस आरोपी की जन्मतिथि 2 दिसंबर 2002 बताई जा रही है।
हाथरस कांड मामले में सीबीआई को मिला अहम सबूत
इस बात का खुलासा नाबालिग बताए जा रहे आरोपी की मां से बातचीत के बाद हुआ। आरोपी की मां का कहना है कि ये मार्कशीट मेरे बेटे की ही है, वो नाबालिग है। सीबीआई की टीम घर आई थी और मार्कशीट लेकर गई है। साथ ही मेरे बड़े बेटे के कपड़े को भी लेकर गई है। मां के मुताबिक़, आरोपी की दसवीं क्लास की मार्कशीट में उसकी जन्मतिथि 2 दिसंबर 2002 दर्ज है।
आरोपी के नाबालिग होने की जानकारी मिलने के बाद सीबीआई ने मामले में उन पुलिसकर्मियों से भी बातचीत की, जिन्हें मामले की वजह से सस्पेंड कर दिया गया था। इसके अलावा सीबीआई ने मामले के चारों आरोपियों ने भी लम्बी पूछताछ की।
यह पूछताछ करीब आठ घंटों तक चली। बीते सोमावार को सुबह करीब 7:30 बजे सीबीआई की टीम हाथरस कांड के आरोपियों से मिलने के लिए अलीगढ जेल पहुंची और यहां आरोपियों संदीप, रवि, रामू और लवकुश से लंबी पूछताछ की और शाम 7:30 बजे सीबीआई की टीम जेल से बाहर निकली।
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आपको बता दें कि इस सीबीआई टीम का नेतृत्व महिला डीएसपी सीमा कर रही थीं। उसके साथ कई अन्य अफसर भी शामिल थे। सीबीआई की दूसरी टीम अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां उन डॉक्टरों से लंबी पूछताछ की गई, जिन्होंने पीड़िता का इलाज किया था। पीड़िता को हाथरस के बाद इसी अस्पताल में लाया गया था।