चंडीगढ़। सरकार ने राज्य में तीन से छह वर्ष आयु के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रदेश में 1000 स्मार्ट प्ले-वे स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में प्री-स्कूल खोलने के सम्बंध में हुई बैठक में लिया गया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने राज्य में प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों को स्मार्ट लर्निंग प्ले-वे स्कूलों में बदलने के भी निर्देश देते हुए कहा कि इन विद्यालयों के बच्चों के संज्ञानात्मक विकास हेतु पाठ्यक्रम को एनिमेशन और ऑडियो-विजुअल के रूप में डिजाइन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एन्युअल स्टेटस ऑफ़ एजुकेशन रिर्पोट (एएसईआर) 2019 ‘प्रारंभिक वर्षों’ के निष्कर्षों ने इस तथ्य को उजागर किया है कि बच्चे के जीवन के पहले 1000 दिन स्कूली शिक्षा और सीखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं जो सम्भावित रूप से उनके भविष्य के रास्ते को आकार देते हैं।
एएसईआर डाटा बताता है कि संज्ञानात्मक कौशल की आवश्यकता वाले कार्यों पर बच्चों का प्रदर्शन प्रारंभिक भाषा और प्रारंभिक संख्यात्मक कार्यों करने की उनकी क्षमता से सम्बंधित है। यह दर्शाता है कि कन्टेंट नॉलेज पर प्रारंभिक ध्यान देने की तुलना में प्ले-आधारित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना अधिक आवश्यक है, जिससे स्मृति, तर्क और समस्याओं को सुलझाने की क्षमताओं में वृद्धि हो।
उन्होंने कहा कि इन प्ले स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों से 100 रुपये का मामूली शुल्क लिया जाना चाहिए। एसटी / एससी वर्ग के छात्रों के लिए कुछ रियायत रखी जानी चाहिए।